मध्य प्रदेश में आंगनबाड़ी को अब बाल शिक्षा केंद्रों में तबदील किया जाएगा। मप्र की महिला विकास मंत्री इमरती देवी आज ग्वालियर से इसकी शुरुआत करेगी। शुरुआती पहले चरण में प्रदेश की 313 आंगनवाड़ियों को बाल शिक्षा केंद्र में तबदील किया जा रहा है। वहीं मंत्री इमरती देवी ने कहा जो मेरे साथ हुआ वो किसी और के साथ न हो।
मोदी सरकार ने 75 नए मेडिकल कॉलेज बनाने को दी मंजूरीदरअसल, मप्र में आंगनवाड़ियों को अब बाल शिक्षा केंद्र के नाम से जाना जाएगा। मंत्री इमरती देवी ने बाल शिक्षा केंद्र की शुरुआत अपने गृह जिले ग्वालियर से कर रही है। इमरती देवी इसकी शुरुआत रेशममिल आंगनवाड़ी से करेंगी। मंत्री का कहना है कि मेरा लक्ष्य यह है कि प्रदेश की एक लाख आंगनवाड़ियों को प्राइवेट स्कूल की तरह विकसित किया जाए।
मेरे साथ हुआ वह किसी ओर के साथ न होइमरती देवी ने भावुक होते कहा कि मै नहीं चाहती हूं, जो मेरे साथ हुआ है। वो किसी और के बच्चों के साथ हो। उन्होंने कहा कि मेरे मायके में 15 साल तक कोई सरकारी स्कूल तक नहीं था। मैंने ससुराल में आकर ही 12 वीं तक पढ़ाई की है। इसलिए लोग मुझे कम पढ़ी-लिखी मंत्री कहते हैं।
एक लाख आंगनवाड़ी बाल शिक्षा केंद्र में होंगी तबदीलमहिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने कहा कि माना जाता है आगनवाड़ियां में बच्चों को वक्त बिताने या मध्यान भोजन के लिए भेजा जाता है। इसी सोच को बदलने के लिए आंगनवाड़ियों को बाल शिक्षा केंद्रों में तब्दील किया जा रहा है। शुरुआती दौर के पहले चरण में प्रदेश की 313 आंगनवाड़ियों को बाल शिक्षा केंद्र के रूप में तैयार किया गया है। एक महीने के अंदर पांच हजार से ज्यादा और आंगनवाड़ियों को इसमें तबदील करने का काम शुरू हो जाएगा और दो साल के अंदर प्रदेश के सभी एक लाख आंगनवाड़ी केंद्र, बाल शिक्षा केंद्र में तबदील हो जाएंगे।