तीन तलाक : इस महीने प्रभावहीन हो जाएगा तीन साल कैद की सजा वाला अध्यादेश

मुस्लिम समुदाय में तीन तलाक को दंडात्मक अपराध घोषित करने और इसके तहत तीन साल कैद की सजा के प्रावधान वाला अध्यादेश 22 जनवरी को प्रभावहीन हो जाएगा। इससे संबंधित बिल के दुबारा राज्यसभा में अटक जाने के कारण सरकार पुन: अध्यादेश भी ला सकती है।
सरकार ने पूर्व में लोकसभा में तीन तलाक बिल पारित करवा लिया था, लेकिन सत्तारूढ़ एनडीए के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं होने के कारण बिल अटक गया था। इस पर सरकार ने अध्यादेश लागू कर दिया था। शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार ने एक बार फिर तीन तलाक बिल संसद में पेश किया जिसमें तीन तलाक पर सजा का प्रावधान शामिल किया गया। यह बिल गत 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया और पारित भी हो गया। विपक्ष इस बिल में संशोधन की मांग पर अड़ा हुआ है। इसलिए यह बिल राज्यसभा में फिर अटक गया।

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