राफेल डील: वेबसाइट के खुलासे के बाद दसॉल्ट की सफाई- स्वतंत्र रूप से किया रिलायंस का चुनाव

भारत-फ्रांस के बीच हुए राफेल सौदे को लेकर फ्रांसिसी मीडिया में बुधवार को एक रिपोर्ट छपी थी. रिपोर्ट के मुताबिक, दसॉल्ट एविएशन के पास राफेल सौदे के लिए अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस को चुनने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. अब इस पूरे मामले पर दसॉल्ट एविएशन ने सफाई पेश की है और कहा है कि उसने ज्वॉइंट वेंचर के पार्टनर के रूप में स्वतंत्र रूप से ही रिलायंस कंपनी का चुनाव किया है.
बुधवार को दसॉल्ट एविएशन ने अपना स्पष्टीकरण जारी किया. कंपनी ने कहा कि भारतीय नियमों (रक्षा खरीद प्रक्रिया) के अनुपालन के लिए उसे 50 फीसदी का ऑफसेट अनुबंध करना था. इसके लिए कंपनी ने एक ज्वॉइंट वेंचर बनाने का फैसला किया और स्वंतत्र रूप से रिलायंस ग्रुप का चुनाव किया गया. दसॉल्ट एविएशन ने बताया है कि 10 फरवरी 2017 को इस ज्वॉइंट वेंचर का निर्माण किया गया और इसे दसॉल्ट रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड (डीआरएएल) का नाम दिया गया.
दसॉल्ट एविएशन ने अपने बयान में कहा है कि इस सौदे में फ्रांस के नियमों का भी पालन किया गया है. इसी के तहत चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर लोइक सेगलन ने रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड के गठन की जानकारी सेंट्रल वर्क काउंसिल को भी 11 मई 2017 को दे दी थी. स्पष्टीकरण में कहा गया है कि दसॉल्ट एविएशन ने बीटीएसएल, डीईएफएसवाईएस, काइनेटिक, महिंद्रा, मैनी और एसएएमटीईएल जैसी अन्य कंपनियों से भी साझेदारी पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके अलावा 100 अन्य संभावित साझीदारों के साथ बातचीत जारी है.

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