मध्यप्रदेश की निचली अदालतों में 1250 में से 312 महिला जज, हाईकोर्ट में सिर्फ 3|

दिल्ली की विधिक संस्था की स्टडी में आए आंकड़ो की माने तो , मप्र में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और आंध्र से कम महिला जज हैं पदस्थ |इस साल सुप्रीम कोर्ट में दो और महिला जजेस की नियुक्ति के बाद सर्वोच्च अदालत में पहली बार महिलाओं का प्रतिनिधित्व प्रतिशत दहाई के आंकड़े के पास पहुंच रहा है, लेकिन देशभर की अदालतों में महिला जजों का प्रतिनिधित्व अब भी महज 27% ही है।अधीनस्थ अदालतों में महिला जजों की संख्या के लिहाज से मध्यप्रदेश बहुत निचले पायदान पर खड़ा है। निचली अदालतों में यहां हर 4 जज में से सिर्फ एक महिला जज है। सुखद संकेत यह है कि पिछले कुछ सालों में जूनियर सिविल जज के पद पर महिलाओं की संख्या बढ़कर 40 प्रतिशत को पार कर गई है, पर अभी भी 422 जजों में से लगभग 165 जज ही महिला हैं। मप्र में जहां दो-तीन सालों में महिला अपराध के आंकड़े तेजी से बढ़े हैं, वहां भी महिला जजों की संख्या अनुपातिक रूप से कम ही हैं।डिस्ट्रिक्ट जज के पदों पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व महज 13 फीसदी है, क्योंकि यहां 359 पदों में से महज 49 पर ही महिला जज पदस्थ हैं। प्रदेश की निचली अदालतों में 1250 जजों में से फिलहाल लगभग 312 जज ही महिलाएं हैं, जो कुल जजों की संख्या का महज 25 प्रतिशत ही है। हाई कोर्ट में हाल ही में पहली बार महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10% को छू रहा है। हालांकि 35 जजों में सिर्फ तीन ही महिला जज हैं।

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