'ओल्ड मैसूर' जहां से होकर गुजरता है कर्नाटक की सत्ता का रास्ता

आने वाली 12 मई को कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों पर एक चरण में मतदान होगा और 15 मई को ये तय हो जाएगा कि अगले 5 साल के लिए सत्ता की बागडोर कौन संभालेगा।  ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ऐढ़ी चोटी का जोर लगा रहे है। चुनावों को लेकर जहां एक और राहुल गांधी ने राज्य के करीब 30 जिलों का दौरा कर 20 अलग अलग मठो और मंदिरों में माथा टेका। वहीं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी जनता को लुभाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे है। इसी बीच आज हम आपको बताने जा रहे है कर्नाटक के ऐतिहासिक शहर ओल्ड मैसूर के बारे में जहां से राज्य की सत्ता का रास्ता होकर गुजरता है।

राजनैतिक तौर पर क्यों खास है मैसूर 
मैसूर शहर के अंतर्गत 11 विधानसभा सीटें आती हैं  लेकिन ओल्ड मैसूर नाम से जो क्षेत्र है उसके तहत आठ जिले और 52 विधानसभा सीटें आती हैं। इस इलाके की पहचान पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस के गढ़ के रुप में जाना जाता है। पिछले विधानसभा चुनाव में जेडीएस को र्जाय में 40 सीटें मिली थी जिसमें से 20 सीटें ओल्ड मैसूर नाम से मिलीं थी। देवगौड़ा जिस जाति वोक्कालिग से ताल्लुक रखते हैं उसका इस इलाके में वार्चस्व है। लेकिन इस इलाके में  बैकवर्ड, दलित और मुस्लिम समीकरण के बूते कांग्रेस जेडीएस से कहीं ज्यादा शक्तिशाली है। 

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