भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण आज हर विभाग का कर्मचारी परेशान – दुष्यंत चौटाला

प्रदेश का कमेरा वर्ग आज भाजपा सरकार की गलत नीतियों की वजह से रोजाना अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतर कर धरना-प्रदर्शन कर रहा है। लेकिन सत्ता के नशे में चूर भाजपा सरकार व मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्रदेश की जनता के गाढ़े खून पसीने की कमाई को अपनी चुनावी रथ यात्रा के जरिए बर्बाद करने में लगे हुए है। ये बात आज चंडीगढ़ से प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए जननायक जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला ने कही। दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश के कर्मचारियों के हक में आवाज उठाते हुए भाजपा सरकार को कर्मचारी विरोधी बताया और सरकार से पूछा कि आखिरकार क्यों कमेरे वर्ग की मांगों को अनसुना किया जा रहा है।
चंडीगढ़ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के द्वारा दुष्यंत चौटाला ने कहा कि आज प्रत्येक विभाग का कर्मचारी परेशान है। उन्होंने कहा कि एक तरफ आज प्रदेश का कर्मचारी वर्ग भाजपा सरकार की तानाशाही व गलत नीतियों के कारण भूखा-प्यासा धरने-प्रदर्शन कर अपना हक सरकार से मांग रहा है लेकिन उसके बावजूद भी सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। उन्होंने बताया कि आज रोडवेज कर्मी, फार्मासिस्ट, डॉक्टर, शिक्षा प्ररेक, अतिथि अध्यापक, संस्कृत अध्यापक, सीवरेज मैन समेत हजारों कर्मचारी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहा है।
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दुष्यंत चौटाला ने कहा कि आज हालात ये कि प्रदेश का कमेरा वर्ग करो या मरो के कगार पर खड़ा है और प्रदेश के मुखिया मनोहर लाल 20 फुट उंचे रथ पर सवार होकर उसी कमेरे वर्ग से दोबारा आशीर्वाद मांग रहे है। दुष्यंत चौटाला ने बताया कि संघर्षरत अतिथि अध्यापक आमरण अनशन पर बैठे है, प्रदेश के करीब 5200 शिक्षा प्ररेकों ने करो या मरो का आंदोलन छेड़ रखा है, फार्मासिस्ट, डॉक्टर हड़ताल पर है और मरीज परेशान है जबकि फिर से हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन ने 5 सितंबर को हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे रखी है।
इतना ही नहीं दुष्यंत चौटाला ने कहा कि बड़ी शर्मनाक बात है कि एक तरफ तो भाजपा सरकार भारतीय संस्कृती को विदेशों तक पहुंचाने का झूठा ढोंग रच रही है लेकिन असलियत ये है कि ये सरकार संस्कृत भाषा को ही खत्म पर तूली है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के संस्कृत अध्यापक सरकार की नीतियों से परेशान है क्योंकि संस्कृत अध्यपाकों का पद समाप्त करने के कारण आज वे इस पद को वापस सुरक्षित रखने की गुहार सरकार से लगा रहे है लेकिन भाजपा सरकार को इनकी कोई सुनवाई नहीं है।

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