राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के प्रति बढ़े आकर्षण का असर स्वाभाविक तौर पर झारखंड में भी दिख रहा है। लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद जहां विपक्षी दलों के हौसले पस्त हैं, वहीं मौका पाकर कुछ कांग्रेस विधायक बेहतर संभावनाओं के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम सकते हैं। राजनीतिक गलियारे में इस बाबत कयास का दौर चरम पर है।
बताते हैं कि कांग्रेस के तीन विधायक सुखदेव भगत (लोहरदगा), मनोज कुमार यादव (बरही) और बादल (जरमुंडी) पाला बदल सकते हैं। ऐसा हुआ तो विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस को झारखंड में जोर का झटका लगेगा। सुखदेव भगत तेजतर्रार नेता हैं और विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने खुद को साबित किया है। वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे हैं और उनकी पत्नी लोहरदगा नगर पंचायत की अध्यक्ष हैं। भाजपा के लिए वे मुफीद हो सकते हैं। बरही के विधायक मनोज कुमार यादव भी कद्दावर नेता हैं।
वे कांग्रेस विधायक दल के नेता रह चुके हैं। बरही से उन्होंने जीत का सिलसिला भी कमोवेश बनाए रखा है। वे दल में अपनी उपेक्षा से नाराज बताए जाते हैं। जरमुंडी के विधायक बादल की छवि साफ-सुथरी है। इसी बल पर उन्होंने पिछला विधानसभा चुनाव जीता था। तीनों विधायकों ने अगर कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया, तो इससे बड़े पैमाने पर राजनीतिक उथलपुथल मचेगा और विधानसभा स्तर पर भी नए समीकरण तैयार होंगे। फिलहाल भाजपा के उच्चपदस्थ सूत्र इन विधायकों के संपर्क में बताए जाते हैं। उनकी हरी झंडी मिलते ही इस बाबत प्रक्रिया में तेजी आएगी।
लोकसभा चुनाव से पहले भी मची थी उथलपुथललोकसभा चुनाव से पूर्व भी झारखंड में दलबदल का सिलसिला तेज हुआ था। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी ने भाजपा का दामन थाम लिया था। भाजपा ने उन्हें कोडरमा लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया और उन्हें जीत भी हासिल हुई। राजद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गिरिनाथ सिंह भी भाजपा में शामिल हो गए। मांडू के विधायक जय प्रकाश भाई पटेल ने भले ही सदस्यता जाने के भय से दल नहीं बदला, लेकिन उन्होंने भाजपा प्रत्याशियों का खुलकर प्रचार किया। झामुमो ने उन्हें दल से निलंबित कर रखा है।
पलामू की राजनीति में भी उलटफेरविधानसभा चुनाव के पूर्व पलामू प्रमंडल की राजनीति में भी उलटफेर हो सकता है। भवनाथपुर के विधायक भानु प्रताप शाही इस बाबत खासे सक्रिय हैं। उनकी योजना अपने संगठन नवजवान संघर्ष मोर्चा के विस्तार की है। उन्होंने इस बाबत कुछ मौजूदा विधायकों से संपर्क भी साधा है। बताया जाता है कि पांकी के कांग्रेस विधायक देवेंद्र सिंह उर्फ बिट्टू सिंह और लातेहार के झाविमो विधायक प्रकाश राम उनके संपर्क में हैं।
Violence in Kashmir because of Pak-sponsored terrorism: Rahul Gandhiप्रकाश राम को फिलहाल झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) ने निलंबित कर रखा है। हालांकि, इस बात की भी संभावना प्रबल है कि चुनाव से पूर्व भानु प्रताप शाही नवजवान संघर्ष मोर्चा का विलय भाजपा में कर दें। शाही राज्य की भाजपानीत गठबंधन सरकार को हर मोर्चे पर साथ देते रहे हैं।