UP: अब झुग्गियों में नहीं आएगा लाखों का बिजली बिल, भाषा भी होगी हिंदी

उत्तर प्रदेश सरकार ने बिजली विभाग को नए निर्देश जारी किए हैं. इसके मुताबिक प्रदेश में अब बिजली के बिल हिंदी में भी दिए जाएंगे ताकि आम उपभोक्ता इसे समझने में सुविधा हो. इतना ही नहीं दो किलोवाट के कनेक्शन पर 20 हजार से ज्यादा का बिल आने पर इसकी पूरी जांच करने के बाद ही उपभोक्ता को भेजा जाएगा.
इस मामले में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने विधान परिषद में बिल में गड़बड़ी संबंधी मुद्दे उठाए जाने पर यह आश्वासन दिया. दरअसल विधान परिषद में यह मुद्दा तब आया जब समाजवादी पार्टी के सदस्य परवेज अली ने एक मामले का हवाला देते हुए सदन को बताया कि हापुड़ जिले में एक व्यक्ति को 100 करोड़ से ज्यादा का बिल भेज दिया गया. बिल देखते ही उसकी तबीयत खराब हो गई.
तमाम बिलों में इस तरह की गड़बड़ियां हो रही हैं. इन्हें ठीक करने के नाम पर विभाग के लोग वसूली कर रहे हैं. बिल अंग्रेजी में दिए जाते हैं. जिसे पढ़े-लिखे लोग भी नहीं समझ पाते हैं.
इस आपत्ति पर जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री श्रकांत शर्मा ने कहा कि प्रदेश में बिल में गड़बड़ियों की 2.68 लाख शिकायतें आई थीं. इनमें से 98.83 फीसदी शिकायतों का निस्तारण कर दिया गया है.
ऊर्जा विभाग उपभोक्ता देवो भवः की नीति पर काम करता है। 1912 हेल्पलाइन नंबर पर अब तक प्राप्त 24.68 लाख शिकायतों में से 24.28 लाख शिकायतों का निस्तारण समय से किया जा चुका है। कुल 98.3% शिकायतें समय से निस्तारित हुई हैं। यह अपने आप में रिकॉर्ड है
उन्होंने कहा कि यह भी निर्णय लिया गया है कि दो किलावाट के कनेक्शन पर अगर 20 हजार से ज्यादा का बिल है तो पहले विभाग उसकी जांच करेगा और इसके बाद ही बिल उपभोक्ता को भेजा जाएगा. 
यह व्यवस्था 31 जुलाई तक पूरी तरह से लागू कर दी जाएगी. इस मामले में विधान परिषद के सभापति रमेश यादव ने बिल को हिंदी में दिए जाने की मांग पर विचार करने के भी निर्देश दिए हैं. इस पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हिंदी में बिल तैयार कराने का पूरा प्रयास किया जाएगा. सिर्फ तकनीकी बातें ही अंग्रेजी में रहेंगी. बाकी का पूरा बिजली बिल हिंदी मे रहेगा जिससे कि उपभोक्ताओं को परेशानी ना हो. 

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