कांग्रेस अब करेगी 'कॉस्ट कटिंग', मीडिया कॉर्डिनेटर रचित सेठ ने दिया इस्तीफा

लोकसभा चुनाव की हार के बाद कांग्रेस अब कॉस्ट कटिंग यानि पार्टी में होने वाले खर्चों में कमी करने जा रही है. दरअसल चुनाव से पहले और ख़ासतौर पर राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी ने बहुत लोगों को सैलरी पर काम करने के लिए रखा था.
इसमें राहुल गांधी के दफ़्तर के लोग, सोशल मीडिया डिपार्टमेंट, एससी डिपार्टमेंट और डेटा एनालिटिक्स डिपार्टमेंट शामिल थे. अब डेटा और एनालिटिक्स डिपार्टमेंट को बंद करने का फैसला लिया गया है.
कांग्रेस इन डिपार्टमेंट पर होने वाले खर्च में कटौती करने जा रही है. कांग्रेस अकाउंट डिपार्टमेंट की तरफ से सबकी लिस्ट बनाकर एक-एक करके सबको इस बात की जानकारी दी जा रही है कि जल्द ही वो कोई दूसरी नौकरी तलाश लें.
राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं और राहुल ने सांसद के तौर पर कौशल विद्यार्थी को अपने संसद के स्टाफ़ में शामिल कर लिया है. सूत्रों के मुताबिक, बाकी लोग जो राहुल गांधी के दफ़्तर में सैलरी पर काम करते हैं, उन पर गाज गिर सकती है.
डेटा और एनालिटिक्स डिपार्टमेंट को लेकर कांग्रेस नेताओं में काफी नाराजगी है. नेताओं का कहना है कि इसी विभाग ने कांग्रेस अध्यक्ष को गुमराह किया. लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले डेटा एनालिटिक्स डिपार्टमेंट की तरफ से ये दावा किया गया था कि कांग्रेस को 180 सीट मिलने जा रही है.
एससी डिपार्टमेंट में भी कांग्रेस कटौती करने जा रही है. हालांकि सोशल मीडिया डिपार्टमेंट में कोई खास बदलाव नहीं किया जाएगा. इन सब के बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक रचित सेठ ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया. रचित को कांग्रेस ने पहले ही नोटिस दे दिया था.
रचित सेठ ने कहा कि राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद पद पर बने रहने का कोई मतलब नहीं है. इससे पहले उन्होंने ट्वीट किया कि 45 दिन बीत चुके हैं और मीडिया की अटकलों के बाद भी नए कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर कोई संकेत नहीं है.
उन्होंने कहा, "कर्नाटक और गोवा के घटनाक्रम से पता चलता है कि अराजकता बढ़ रही है, जहां अवसरवादी और सत्ता के दलाल सफल हो रहे हैं. बीजेपी को दोष देने का कोई मतलब नहीं है." उन्होंने कहा, "मेरा जीवन व खून हमेशा उदार व प्रगतिशील भारत के काम आएगा और इंदिरा गांधी हमेशा मेरी प्रेरणा बनी रहेंगी."

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