इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निकट अवैध निर्माण पर हाईकोर्ट का रुख सख्त, फरमान- छह हफ्ते में गिराओ

चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निकट अवैध निर्माण को गिराने की जिम्मेदारी एक दूसरे पर डालने से नाराज पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए फरमान जारी किया है। का गया है कि अधिकारी हाईकोर्ट की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास न करें। यदि इसी प्रकार जिम्मेदारी एक दूसरे पर डालने का सिलसिला चलता रहा तो जीरकपुर एमसी को भंग करने के आदेश भी जारी कर देंगे और कार्यकारी अधिकारी को जेल भेज देंगे।सुनवाई के दौरान सरकार की दलीलों पर कड़ा रुख अपनाते हुए हाईकोर्ट ने अब पंजाब के मुख्य सचिव को गमाडा के मुख्य प्रशासक, जीरकपुर एमसी के कार्यकारी अधिकारी, मोहाली के डीसी, एयरफोर्स अधिकारियों और सिविल एविएशन विभाग के प्रधान सचिव की कमेटी गठित करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि यह कमेटी 6 सप्ताह में अवैध निर्माणों का सर्वे कर उनको गिराने का काम पूरा करवाए। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने मोहाली और चंडीगढ़ की जिला अदालत को आदेश दिए हैं कि अवैध निर्माण करने वालों की कोई भी याचिका न सुनी जाए और न ही निर्माण गिराने पर रोक के आदेश जारी किए जाएं।

इसके साथ ही चीफ जस्टिस ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को आदेश दिया कि एयरपोर्ट के निकट अवैध निर्माण को लेकर जो भी याचिकाएं हाईकोर्ट में दाखिल हों उन्हें सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस की बेंच को ही भेजा जाए। उन सभी याचिकाओं को एयरपोर्ट मामले से जोड़कर उन पर एक साथ सुनवाई की जाएगी।  इस दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि अभी अवैध निर्माण जारी हैं। इस पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि इस सब के लिए अधिकारी जिम्मेदार हैं। इस पर राज्य सरकार ने कहा कि तीन माह के भीतर सभी अवैध निर्माण गिरा दिए जाएंगे। हाईकोर्ट ने कहा कि अधिकारियों के तीन माह पता नहीं कब पूरे होंगे, क्योंकि लंबे समय से कोर्ट को केवल विश्वास दिलाया जा रहा है लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया।

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