सपा-बसपा गठबंधन के बाद कई स्तर पर मोर्चा खुलने से भाजपा खुश

 उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन से कांग्रेस की दूरी के चाहे जितने निहितार्थ निकाले जा रहे हैं लेकिन, भारतीय जनता पार्टी के लिए यह समीकरण सुकून देने वाला है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और सपा-बसपा के अलावा छोटे दलों के भी मोर्चे अस्तित्व में आने को बेताब हैं। इससे वोटों का बिखराव होना तय है। भाजपा इसी बिखराव का लाभ उठाएगी।
सपा और बसपा के मजबूत गठबंधन के एलान के बाद से उत्तर प्रदेश में छोटे दलों की राजनीतिक सक्रियता बढ़ गई है। निषाद पार्टी और पीस पार्टी से समाजवादी पार्टी की निकटता जरूर है लेकिन, राष्ट्रीय लोकदल के हिस्से की सीटों को लेकर अभी पेच फंसा है। कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर लडऩे का एलान कर दिया है। प्रगतिशील समाज पार्टी लोहिया के संस्थापक शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि अगर कांग्रेस उनसे समझौता करेगी तो वह तैयार हैं। शिवपाल को कांग्रेस कितना तरजीह देगी, यह तो आगे की बात है लेकिन, छोटे दलों के अलग-अलग फ्रंट की गुंजायश बन गई है।

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