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मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती: नियुक्ति न मिलने के कारण अभ्यर्थी पकौड़े बेचने को मजबूर, कब खत्म होगा इंतजार
- मध्य प्रदेश में शिक्षक भर्ती पिछले तीन साल से अटकी पड़ी है. नियुक्ति ना मिलने के कारण अभ्यर्थी ठेले लगाने को मज़बूर है.
- पीएम मोदी ने कभी पकौड़े को रोज़गार बताया था और इसी वक्तव्य पर अधिकतर भर्ती आयोगों ने काम करना शुरू कर दिया है. इस कारण युवा आज पकौड़े बेचने को मजबूर हो गया है.
- मध्य प्रदेश में 2018 में 30,594 भर्ती निकाली गई थी, जिनकी परीक्षा 2018 में होनी थी लेकिन विधानसभा चुनाव के कारण 2019 में परीक्षा हो पाई.
- तब से लेकर आज तक चयनित अभ्यर्थी नियुक्तियों के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं लेकिन सरकार उनकी एक नहीं सुन रही है.
- आपको बता दें, भर्ती निकली शिवराज सरकार में, परीक्षा हुई कमलनाथ सरकार में, परिणाम आए शिवराज सरकार में लेकिन नई, पुरानी और अलग सरकारों के बीच से गुजरने के बाद भी ये भर्ती अभी तक पूरी नहीं हो सकी है.
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