धूमल की सरकार को नसीहत, अपने वेतन बढ़ाएंगे तो आलोचना तो होगी ही

पूर्व भाजपा सरकार में दो बार मुख्यमंत्री रहे प्रेम कुमार धूमल ने जयराम ठाकुर सरकार द्वारा माननीयों के वेतन-भत्तों को बढ़ाने के संदर्भ में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन-भत्ते तय करने के लिए पे-कमीशन होता है, वैसे ही माननीयों के वेतन-भतों का यह अधिकार पे-कमीशन को दिया जाना चाहिए।पूर्व सीएम ने यहां तक कहा कि जब स्वयं विधायक अपने वेतन-भत्ते तय करेंगे तो अलोचना स्वाभाविक है। जहां तक ध्यान में केंद्र में संसद ने प्रस्ताव पारित किया है कि वेतन आयोग ही उनके वेतन-भत्ते तय करेगा।
आखिर पूर्व मंत्रियों को ED से क्यों लगता है डर?

धूमल ने कहा कि वर्तमान में जब हम आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। इस तरह की बातों से बचना चाहिए। ऐसे में यह भत्ते नहीं बढ़ाए जाते तो ज्यादा बेहतर होता। धूमल ने कहा कि मेरी जानकारी के अनुसार कोई विदेश जाता है तो उसको बढ़ा हुआ यात्रा भत्ता मिलेगा। लेकिन लोगों में गलत धारणा आ गई है कि माननीयों ने वेतन, भत्ते, पेंशन और पता नहीं क्या-क्या बढ़ा लिया है।

सरकार को जनभावनाओं से अवगत रहना चाहिए। लोकराज लोकलाज से ही चलता है। उन्होंने विश्वास जताया कि सरकार सही स्थिति सबके सामने लाएगी। बता दें कि मानसून सत्र में जयराम सरकार ने विधायकों व मंत्रियों के भत्ते बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया है।

जिसकी गत दिवस सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। प्रदेश के 68 विधायकों में से केवल माकपा विधायक राकेश सिंघा ने माननीययों का भत्ता बढ़ाने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि वह बढ़ी हुई धनराशि नहीं लेंगे। लेकिन अब पूर्व मुख्यमंत्री धूमल के बयान के बाद प्रदेश भाजपा सरकार में बड़ा भूचाल आ गया है।

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