तबादले में बेसिक शिक्षकों को बड़ी राहत, पुरुष तीन व महिला एक वर्ष में करा सकेंगे ट्रांसफर

प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी अपना कार्यभार ग्रहण करने के बाद से ही फार्म में आ गए हैं। विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद आज मीडिया से रूबरु हुए मंत्री ने अपनी प्राथमिकता गिना दी। बेसिक शिक्षा को शीर्ष पर लाने के लिए वह किसी भी तरह से समझौता करने को तैयार नहीं हैं।
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लखनऊ में बेसिक शिक्षा विभाग के सामने बड़ा प्रदर्शन होने के बाद भी उसी प्रांगण में उन्होंने मीडियाकर्मियों से वार्ता की और अपनी शीर्ष योजनाओं पर प्रकाश डाला। बेसिक शिक्षा मंत्री ने एलान किया कि हम लोग सूबे में बड़ा अभियान चला कर फर्जी शिक्षकों को बाहर करेंगे। एसआईटी ने प्रदेश में 4000 फर्जी शिक्षक चिन्हित किये हैं जिनमें से 1300 चिन्हित कर कार्रवाई की जा चुकी है। अब यह लोग विभाग से बाहर होंगे।
तबादला की पारदर्शी नीति
 डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि शिक्षकों का तबादला एक समस्या है। इसकी पारदर्शी नीति विकसित की जाएगी। तबादले के लिए इंडेक्स सिस्टम लागू किया जाएगा। पहले पांच साल सेवा पर ही तबादले का नियम था, अब इसे घटाकर तीन साल कर दिया गया है। अक्टूबर से आवेदन लेंगे। अगले सत्र की शुरुआत से पहले तबादला कर दिया जाएगा।
महिला शिक्षक के लिए तबादले की समयसीमा तीन वर्ष से घटाकर एक वर्ष की जाएगी । सैनिकों की पत्नी का तो उनकी प्राथमिकता के आधार पर तबादला होगा। इसके साथ ही गंभीर रोग से पीडि़त और दिव्यांग को भी प्राथमिकता मिलेगी। एक जिले से दूसरे जिले और जिले के भीतर तबादला हो सकेगा। केवल अपने ग्राम पंचायत में तैनात नहीं हो सकेगी। मृतक शिक्षकों के आश्रितों की नियुक्ति अब समयबद्ध की जाएगी। जो आश्रित शिक्षक बनने योग्य हैं और टीईटी पास हैं, उन्हें शिक्षक बनाएंगे। जो मृतक आश्रित जरूरी शैक्षिक योग्यता रखते हैं और चतुर्थ श्रेणी कमर्चारी है, अगर टीईटी पास करते हैं तो उन्हें भी शिक्षक बनाया जाएगा।
 

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