जयपुर में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा टूटी, आरोपी गिरफ्तार

राजस्थान की राजधानी जयपुर में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा को तोड़ने के आरोप में पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया है. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की यह मूर्ति जयपुर के शाहापुर गोलचक्कर पर लगी हुई थी. आरोपी के पकड़े जाने के बाद भीलवाड़ा के एसपी  एचके महावर ने कहा, '11-12 अगस्त को कुछ असामाजिक तत्वों ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा को तोड़ दिया था जिन्हें अब गिरफ्तार कर लिया गया है'

बता दें कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी आजादी के बाद देश में पंडित जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में बनी पहली सरकार में उद्योग मंत्री थे. उनका जन्म 6 जुलाई 1901 को  कोलकाता में हुआ था और उनकी मौत जून 1953 में जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में हुई थी.

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आर्टिकल 370 के घोर विरोधी थे श्यामा प्रसाद मुखर्जी
श्यामा प्रसाद मुखर्जी का स्वतंत्रता आंदोलन में अहम योगदान था और वो भारतीय जनता पार्टी (पूर्व में भारतीय जनसंघ) के संस्थापक भी थे. डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जम्मू-कश्मीर में धारा 370 लगाए जाने के घोर विरोधी थे.  उनकी इच्छा थी कि इसे राज्य से पूरी तरह खत्म कर दिया जाए. बीजेपी को उनकी यह इच्छा पूरी करने में 66 साल लगे.
डॉक्टर मुखर्जी 23 जून 1953 को श्रीनगर की जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए थे. डॉक्टर मुखर्जी को तब जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा दिए जाने के विरोध में आंदोलन चलाने पर हिरासत में लिया गया था. डॉक्टर मुखर्जी को संविधान के अनुच्छेद 370 के घोर विरोधी के तौर पर जाना जाता था. डॉक्टर मुखर्जी इस अनुच्छेद को राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा मानते थे. जब मोदी सरकार ने संविधान के इस विवादित अनुच्छेद को हटाने का ऐलान किया था तो डॉक्टर मुखर्जी के परिवार ने कोलकाता में मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया था.

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