छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षण को बढ़ाने की घोषणा कर के बड़ा दांव चला है. लेकिन सवाल है कि उनके इस कदम से पिछड़ी जातियों का कितना राजनीतिकरण होगा और क्या वे अपने वास्तविक सरोकारों के मुताबिक राजनीति की दिशा तय करेंगे? छत्तीसगढ़ में अब तक पिछड़ी जातियों के लिए सरकारी नौकरियों और राज्य सरकार के शिक्षा संस्थानों में 14 प्रतिशत आरक्षण मिलता रहा है, जिसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 27 फीसद करने की घोषणा की है.
कांग्रेस की एकलौती महिला सांसद को नहीं मिली DMF कमेटी में जगह, BJP ने बताई ये वजहइस तरह छत्तीसगढ़ में कुल 72 फीसदी आरक्षण हो जाएगा क्योंकि एससी का आरक्षण भी उनकी आबादी के अनुपात में बढ़ाकर 13 फीसदी कर दिया गया है. वहां आदिवासियों को पहले से ही 32 फीसदी आरक्षण मिलता रहा है. इससे पहले मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ भी राज्य में ओबीसी आरक्षण 14 परसेंट से बढ़ाकर 27 परसेंट कर चुके हैं.