बजट 2019: क्या फ्री इलाज का केजरीवाल मॉडल अपना सकती है मोदी सरकार?

स्वास्थ्य के क्षेत्र में दिल्ली सरकार द्वारा किए गए काम की राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तारीफ होती रही है. दिल्ली सरकार की मोहल्ला क्लीनिक योजना, फ्री सर्जरी स्कीम जैसी योजनाएं कारगर रही हैं और अक्सर यह कहा जाता रहा है कि इसे देश के अन्य हिस्सों में भी अपनाना चाहिए. क्या मोदी सरकार मोहल्ला क्लीनिक और फ्री सर्जरी जैसे केजरीवाल मॉडल को अपनाएगी? या स्वास्थ्य को लेकर कोई अन्य अनूठी योजना लेकर आएगी? यह 5 जुलाई को वित्त मंत्री द्वारा पेश होने वाले बजट से साफ हो जाएगा.
मोहल्ला क्लीनिक की चर्चा
मोहल्ला क्लीनिक लोगों के पड़ोस में मौजूद ऐसे छोटे क्लीनिक होते हैं, जिनका दिल्ली सरकार ने फिलहाल शहर के 158 स्थानों पर शुरुआत की है. इसमें मुफ्त या बेहद कम दाम पर उच्च स्तरीय प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा गरीबों को मुहैया की जाती है. इसमें निदान, दवाइयां और करीब 213 तरह के टेस्ट मुफ्त होते हैं. मोहल्ला क्लीनिक या तो किराए के छोटे से मकान में या पोर्टा केबिन में स्थापित किए जाते हैं. मोहल्ला क्लीनिक मॉडल को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी सराहा गया है.
फ्री सर्जरी स्कीम
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक फ्री सर्जरी स्कीम लॉन्च की है. इसके तहत सरकारी अस्पतालों में एक माह की वेटिंग सूची होने पर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने की सुविधा मिलेगी. केजरीवाल ने इस इस स्कीम को लॉन्च करते समय बताया था, 'दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में अगर सर्जरी और जांच करानी हो तो अस्पतालों में जाएं. अगर अस्पतालों में टेस्ट व सर्जरी के लिए एक महीने बाद नंबर आ रहा हो तो उस मरीज को डॉक्टर तुरंत प्राइवेट अस्पताल के लिए रेफर कर देंगे. एक फॉर्म अस्पताल में दिया जाएगा. फॉर्म भरकर अस्पताल के नोडल अधिकारी के हस्ताक्षर कराने के बाद प्राइवेट अस्पताल में इलाज हो सकेगा.' 

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52 तरह की सर्जरी प्राइवेट अस्पताल में       
केजरीवाल सरकार की फ्री सर्जरी स्कीम के तहत 52 तरह की सर्जरी मुफ्त उपलब्ध होती है. इसके तहत सरकारी अस्पतालों में एक माह की वेटिंग सूची होने पर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने की सुविधा मिलेगी. इस पर आने वाले खर्च की भरपाई सरकार करती है. इसमें भी कई तरह के टेस्ट फ्री किए जाते हैं.
दिल्ली स्वास्थ्य निदेशालय के निदेशक डॉ. कीर्ति भूषण ने अनुसार सरकार ने दिल्लीवासियों के हर आय वर्ग के लोगों को यह सुविधा देने का निर्णय लिया है. इसमें उनके पास दिल्ली का एक पहचान पत्र के रुप में सरकारी दस्तावेज होना चाहिए. इसके तहत 52 तरह की सर्जरी लोगों की प्राइवेट अस्पतालों में हो सकेगी. वहीं, मरीज के तीमारदार के संतुष्ट होने पर प्राइवेट अस्पतालों को पेमेंट किया जाएगा.
मोदी सरकार ने भी हेल्थ के सेक्टर में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. मोदी सरकार का सबसे महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य प्रोग्राम है आयुष्मान भारत जिसके तहत देश के 50 करोड़ गरीब लोगों का मुफ्त इलाज किया जाएगा. लेकिन देश में अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की बेहद कमी है, जो आयुष्मान भारत योजना को पूरी तरह से लागू करने में बड़ी बाधा है. ऐसे में मोहल्ला क्ल‍ीनिक जैसी योजनाएं बेहद कारगर हो सकती हैं.
देश के कोने-कोने में अगर ऐसे क्लीनिक उपलब्ध हों तो खासकर ग्रामीणों को आसानी से इलाज उपलब्ध हो पाएगा. मोदी सरकार का यह दूसरा कार्यकाल है, जिसमें निश्चित रूप से यह माना जा सकता है कि मोदी सरकार गरीबों की बेहतरी के लिए अच्छी योजनाएं लेकर आएगी. देखना बस यह है कि मोदी सरकार हेल्थ सेक्टर में केजरीवाल का मॉडल अपनाती है या अपनी कोई अनूठी योजना लेकर आती है.
 

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