हज़ारों की संख्या में जब JNU के छात्र फीस वृद्धि के खिलाफ राष्ट्रपति से मिलने के लिए निकले तो उन्हें बीच रास्ते में ही लाठियों का सामना करना पड़ा।क्या सस्ती और बेहतर शिक्षा का अधिकार इस देश में मिलना नामुमकिन है? ये है हमारे लोकतान्त्रिक देश की सच्चाई जहाँ विद्यार्थियों को शिक्षा के लिए खून बहाना पड़ता है।
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