तमिलनाडू की दिव्या ने सर पर मैला ढोने वाली महिलाओं पर एक फिल्म बनाई हैं। आज के भारत में इस कुप्रथा पर दिव्या ने तीखा प्रहार अपनी फिल्म को लेेकर सरकार पर किया हैं। सरकार सिर्फ इसे अपना विरोध समझ रही है और दिव्या की फिल्म पर सिर्फ प्रतिबंध लगाया बल्कि जेल भेजने की तैयारी भी कर ली हैं। क्या अन्याय के खिलाफ बोलना सरकार पर हमला माना जाता हैं?
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