तमिलनाडु के कई स्कूलों में बच्चों की जाति की पहचान के लिए उनके हाथ में अलग-अलग रंगों के बैंड जबरदस्ती पहनाए जा रहे हैं। वैसे तो शिक्षा जातिवाद के खिलाफ एक हथियार के रूप में जाना जाता है लेकिन इस घटना में यह हथियार जातिवाद की बेड़ियों को तोड़ने की जगह समाज को तोड़ रहा है।
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