रवीश कुमार ने आँकड़ों को समझने की कोशिश किए बिना, अनुवाद कर दिया। वहाँ उनको 'जॉब' और 'स्लोडाउन' दिखा, बस अनुवाद कर के मोदी को लपेट लिए। जबकि इस लेख में एक ज़रूरी बात छुपा ली गई ताकि मोदी बुरा दिखे। सामाजिक मुद्दे – कभी-कभी लगता है मैं स्वयं ही 'बेरोज़गारी' हूँ: रवीश, रोज़गार और आँकड़े ऑपइंडिया Hindi News Opindia.