जेनेटिक रोगों से निजात दिलायेगी जांच और जागरूकता, रांची में बोले अर्जुन मुंडा

  • जांच और जागरूकता से जेनेटिक बीमारियों को जड़ मिटाने का भारत सरकार ने संकल्प लिया है. 
     
  • इसी संकल्प के तहत भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग के डिपार्टमेंट ऑफ बायो टेक्नोलॉजी (डीबीटी) ने रांची के रिम्स में की शुरुआत की है. 
     
  • इस कार्यक्रम के तहत आनुवांशिक रोगों की जांच और इलाज के लिए देश भर के सरकारी अस्पतालों में ‘निदान केंद्र’ खोले जायेंगे. इसके लिए केंद्र सरकार ने 117 जिलों का चयन किया है, जिसमें 93 आदिवासी बहुल जिले हैं. इन्हीं जिलों में आनुवांशिक रोगों के सबसे ज्याद मरीज पाये जाते हैं. 
     
  • दिल्ली के बाद रांची में गुरुवार को दूसरे केंद्र की शुरुआत की गयी. झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के ऑडिटोरियम में आयोजित इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की शुरुआत जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने की.

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  • श्री मुंडा ने कहा कि रिम्स के डॉक्टरों को इस कार्यक्रम को सफल बनाने की जिम्मेवारी लेनी होगी. उन्हें इलाज की औपचारिकता पूरी करने की बजाय संवेदनशीलता के साथ काम करना होगा. वह अपने पेशे को सिर्फ नौकरी न समझें, अपनी जिम्मेवारी समझें. 

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