उत्तर प्रदेश में अब ठेकेदार ही भ्रष्टाचार से तंग क्यों हैं?

 
  • उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद से भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस (किसी भी तरह से कोई समझौता नहीं) की नीति की घोषणा की थी. लेकिन दो साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद प्रदेश में भष्ट तंत्र की जड़े गहरा गई हैं.
  • योगी के राज में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि जिन मंत्रियों के इस्तीफे लिए गए या जिनके महत्वपूर्ण विभाग छीने गए उन सभी पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप हैं.
  • हालिया मामला प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र से है जहां बीते महीने जहां पीडब्लू़डी के चीफ इंजीनियर अंबिका सिंह के कमरे में ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव ने खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली. उस ठेकेदार की कार से जो सुसाइड नोट बरामद हुआ है उसमें कई इंजीनियरों पर भ्रष्टाचार के आरोप के अलावा चार करोड़ रुपये के भुगतान न होने की बात लिखी है.
  • इस घटना के एक दिन पहले लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री आवास और विधान भवन के सामने सीतापुर के ठेकेदार वीरेंद्र कुमार रस्तोगी ने खुद पर केरिसिन छिड़क कर आग लगाने का प्रयास किया था. इन दोनों मामले सामने आने के बाद संबंधित विभाग में हड़कंप मचा है. कई अफसर नाप दिए गए हैंं.
  • सरकार ने सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिए ईटेंडरिंग की जो व्यवस्था की है, उस पर भी ठेकेदार और इंंजीनियर के गठजोड़ ने पार पा लिया है. जिसके कारण प्रदेश में होने वाले कामों में कमीशनखोरी अब 65 परसेंट तक बढ़ गई है.
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