सेना के लिए रूस से ये तोहफे ला सकते हैं पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी दो दिन की रूस यात्रा (Russia Visit) पर जा रहे हैं. जहां वे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से मुलाकात करेंगे. मोदी-पुतिन की इस मुलाकात (Modi-Putin Meet) का प्रमुख मुद्दा असॉल्ट राइफल (Assault Rifles) और हेलिकॉप्टर (Helicopter) के निर्माण को लेकर रूस के साथ होने वाली डील है. उन्हें राष्ट्रपति पुतिन ने अपने साथ वन-टू-वन डिनर (One-to-One Dinner) के लिए भी आमंत्रित किया है.

इकॉनमिक टाइम्स के अनुसार दोनों ही पक्षों में इस डील के लिए काफी हद तक सहमति बन चुकी है और दोनों नेताओं के बीच होने वाली बातचीत में इस समझौते के लिए डिलिवरी की तारीख तय की जाएगी. जिसके बाद भारत में कलपुर्जों के उत्पादन (Manufacturing in India) का काम शुरू हो जाएगा. इसी मुलाकात के दौरान दोनों पक्षों में रूस के मिलिट्री उपकरणों (Military Equipments) के लिए भारत में कलपुर्जे बनाने की शुरुआत करने के समझौते पर हस्ताक्षर होने की होने की उम्मीद है. बहुत ज्यादा आशा है कि यह निर्माण ज्वाइंट वेंचर फ्रेमवर्क के तहत किया जाएगा.

HAL होगा इस डील का मुख्य कॉन्ट्रैक्टर
इसके अलावा भारतीय वायुसेना के लिए इंडो रूस हेलिकॉप्टर लिमिटेड (IRHL) की ओर से हल्के हेलिकॉप्टर के लिए दिया जाने वाला एक ऑर्डर भी भारत के एजेंडे में प्रमुख होगा. IRHL का निर्माण 2015 में प्रधानमंत्री मोदी के रूस दौरे के दौरान एक समझौते के जरिए किया गया था. 20 हजार करोड़ रुपये की यह डील भारत में एक उत्पादन श्रंखला स्थापित करने और तकनीकी के ट्रांसफर के लिए की जाएगी. इसके जरिए भारतीय सेना (Indian Army) और भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) के लिए करीब 200 हेलिकॉप्टरों के निर्माण का लक्ष्य है. हालांकि तकनीकी जानकारियां अभी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ साझा नहीं की गई है जो इस डील में प्रमुख कॉन्ट्रैक्टर है.

उत्तरप्रदेश के कोरवा में बनेंगीं राइफलें
सूत्रों के मुताबिक दोनों ही पक्ष इंडो रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) नाम के ज्वाइंट वेंचर की स्थापना को लेकर भी अपनी बातचीत को आगे बढ़ा सकते हैं. इसके जरिए AK 203 असॉल्ट राइफल्स का निर्माण कोरवा, उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) में किया जाएगा. इस ज्वाइंट वेंचर का निर्माण इसी साल फरवरी में एक समझौते के बाद किया गया था और इसके लिए अगला कदम इन राइफल्स की अच्छी मांग पैदा करने का होगा ताकि इसके निर्माण की शुरुआत की जा सके.

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