पंजाब भाजपा में बदलेंगे समीकरण, जेटली के निधन का दिख सकता है बड़ा असर

भाजपा में नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कवायद शुरू हो गई है। अध्यक्ष पद की चाहत रखने वाले अपने-अपने राजनीतिक मोहरे चलाने में जुट गए हैं। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन के बाद इस बार के प्रदेश अध्यक्ष के चयन में कई समीकरण बदले हुए नजर आएंगे। इससे कई नेताओं के समीकरण बिगड़ गए हैं, जिसका असर प्रदेश के संगठन पर पड़ना तय है।
पंजाब भाजपा में अरुण जेटली की राय हमेशा अहम मानी जाती थी। जेटली प्रदेश में शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के बीच के संबंधों को सामान्य बनाए रखने में मुख्य भूमिका अदा करते थे। प्रदेश अध्यक्ष के चयन में भी उनकी राय सबसे अहम होती थी।
माना जाता है कि विजय सांपला के हटने के बाद श्वेत मलिक को प्रदेश अध्यक्ष बनाने में भी जेटली की अहम भूमिका थी। उनके निधन से पंजाब में कई समीकरण बदलना तय हैं। वर्तमान पंजाब अध्यक्ष श्वेत मलिक, पूर्व अध्यक्ष कमल शर्मा, अश्विनी शर्मा जेटली के काफी करीबी थे। यह तीनों ही वर्तमान में प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हैं।

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