झारखंड विधानसभा के आगामी चुनाव को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण का मसला प्रभावित करेगा। राज्य में ओबीसी का आरक्षण 14 फीसद है और विपक्षी दलों खासकर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इसे 27 प्रतिशत करने का चुनावी वादा किया है। मोर्चा की नजर इसी बहाने ओबीसी समुदाय को आकर्षित करने की है। अन्य विपक्षी दल कांग्र्रेस, झाविमो और राजद भी इसे विधानसभा चुनाव के दौरान हवा देंगे।
फिलहाल झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन लगातार अपनी सभाओं में ओबीसी आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने का शिगूफा छोड़ रहे हैं। हेमंत सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के गढ़ संताल परगना से बदलाव यात्रा की शुरूआत की है। इसके तहत वे हरेक जिला मुख्यालयों में बड़ी रैलियां कर रहे हैं। ओबीसी का आरक्षण प्रतिशत छत्तीसगढ़ में भी बढ़ाया जा चुका है। छत्तीसगढ़ झारखंड का पड़ोसी राज्य है और वहां के राजनीतिक फैसलों का यहां सीधा असर पड़ता है।
मुद्दे पर भाजपा की नजर, आजसू है पक्षधररविदास मंदिर को फिर से बनवाने के लिए सड़कों पर उतरेगा मुस्लिम समाजओबीसी के बड़े वोट बैंक को देखते हुए सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी भी सतर्क है। राज्य सरकार ने कुछ माह पूर्व उपायुक्तों को निर्देश दिया था कि वे ओबीसी की आबादी के बाबत आंकड़ा उपलब्ध कराएं। लोकसभा चुनाव के दौरान यह प्रक्रिया शिथिल पड़ गई थी, लिहाजा सरकार ने फिर से तमाम उपायुक्तों को रिमाइंडर भेजा है।
इस वर्ग के वोट को भाजपा का वोट बनाए रखने पर भाजपा के रणनीतिकार भी काम कर रहे हैं और विपक्ष के हरेक कदम पर पैनी नजर रख रहे हैं। भाजपा की सहयोगी आजसू पार्टी भी ओबीसी का आरक्षण प्रतिशत बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने के पक्ष में रही है। आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने कई बार सार्वजनिक मंच से यह मांग सरकार के समक्ष उठाई है।
बाबूलाल ने की थी कोशिश, नहीं हुए थे सफलझारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्य में आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय अपने कार्यकाल में लिया था, लेकिन यह लागू नहीं हो पाया। उन्होंने अनुसूचित जनजाति के लिए 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 14 फीसद और ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया था। झारखंड उच्च न्यायालय ने 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण देने के प्रावधान को मानने से इन्कार कर दिया।
फिलहाल किसको कितना आरक्षण अनुसूचित जनजाति - 26 प्रतिशत
अनुसूचित जाति - 10 प्रतिशत
ओबीसी - 14 प्रतिशत
आर्थिक रूप से पिछड़ी सवर्ण जातियां - 10 प्रतिशत