प्रतिद्वंद्वी को उन्हीं के गढ़ में घेर उन्हें चित करने के अपने चिर परिचित फार्मूले को भाजपा विधानसभा चुनाव में भी अपनाएगी। लोकसभा चुनाव में झामुमो का दुमका का गढ़ ढाह चुकी पार्टी अब विधानसभा चुनाव को लेकर बरहेट की किलेबंदी में जुट गई है। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन संताल परगना के बरहेट विधानसभा से पिछले चुनाव में निर्वाचित होकर आए थे। विपक्ष के इस प्रमुख नेता को उन्हीं के गढ़ में घेरने की रणनीति पर अमल शुरू हो गया है।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने खुद इसकी कमान संभाली है। वे सोमवार को साहिबगंज के पतना और गोड्डा के सुंदर पहाड़ी में न सिर्फ जन चौपाल करेंगे, बल्कि यहां के ग्रामीणों द्वारा आयोजित सहभोज में भी शामिल होंगे। जिला भले अलग-अलग हो, लेकिन ये दोनों क्षेत्र बरहेट विधानसभा के अंतर्गत आते हैं। इस क्षेत्र में सत्ता और संगठन के स्तर से विकास योजनाओं की साझा मुहिम भी चलाई जाएगी।
सीएम का यह कार्यक्रम पूर्व निर्धारित नहीं था। रविवार को हुई प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में सीएम ने खुद इस आयोजन का प्रस्ताव दिया। बैठक में स्पष्ट संकेत दिया गया कि हेमंत सोरेन बदलाव यात्रा पर निकले हैं, भाजपा उन्हें बदलने की तैयारी करे। बरहेट ही नहीं, भाजपा की योजना विधानसभा चुनाव में विपक्षी दलों के तमाम प्रमुख नेताओं की घेराबंदी की है।
विदेशों से भारतीयों को निकाल दिया जाए तब अमित शाह क्या करेंगे?संताल-कोल्हान पर पैनी नजरभाजपा का सारा जोर संताल और कोल्हान की ट्राइबल सीटों पर है। संताल में भाजपा का ट्रैक रिकार्ड सुधरा है। अब कोल्हान में भी पूरी ताकत से जुटने का एलान किया गया है। चुनाव को लेकर 15 सितंबर से शुरू होने वाली 'जन आशीर्वाद योजना' भी यहीं से शुरू की जाएगी। भाजपा ने अपनी शीर्ष पंक्ति के तमाम नेताओं को इस प्रमंडल की जनजातीय सीटों पर फोकस करने का निर्देश दिया है।