उत्तर प्रदेश में बलिया के एक प्राथमिक विद्यालय में मिड-डे मील के दौरान दलित-पिछड़े और सामान्य बच्चों के बीच जातिगत थाली के नाम पर भेदभाव की खबर से बवाल मच गया है. असल में जिलाधिकारी ने बसपा नेताओं का हाथ पकड़कर कहा कि ये सफेदपोश 25 लाख की गाड़ी में आए हैं. डीएम ने बसपा नेताओं के महंगे जूतों और घड़ी पर भी तंज कसा.
दरअसल, जिलाधिकारी के निरीक्षण के दौरान स्कूल पहुंचे बसपा को-ऑर्डिनेटर मदनराम और जिलाध्यक्ष संतोष कुमार के साथ डीएम भवानी सिंह गर्मागर्म बहस हो गई. उन्होंने नेताओं के एसयूवी में आने और महंगे जूते-घड़ी पहनने पर ही सवाल खड़े कर दिए.
बता दें कि प्राथमिक विद्यालय रामपुर नंबर 1 पर मिड डे मील खाने को लेकर हो रहे दलित छात्रों के साथ भेदभाव के मामले की जांच करने पहुंचे बसपा के नेताओं के साथ जिलाधिकारी भवानी सिंह खगरौत ने बदसलूकी की. बसपा नेताओं से कहा कि 25 लाख की गाड़ी में घूमने वाले आज यहां राजनीति करने आए हैं. उन नेताओं से जिलाधिकारी ने उनके जूते और घड़ी तक की कीमत पूछ ली.
प्राथमिक विद्यालय रामपुर नंबर 1 में मिड-डे मील के दौरान दलित-पिछड़े और सामान्य बच्चों के बीच जातिगत थाली के नाम पर भेदभाव की खबर प्रसारित होने के बाद बहुजन समाज पार्टी के नेता मामले की जांच करने पहुंचे थे. ठीक उसी समय जिलाधिकारी भी मामले की जांच करने पहुंच गए और बसपा के नेताओं को देखकर उनके साथ अभद्रता करने लगे.
डीएम कहने लगे कि ये देखिए 25 लाख की गाड़ी में घूमने वाले यहां राजनीति करने आए हैं. जिलाधिकारी ने उन नेताओं के पोशाक पर भी कमेंट करने लगे और जूते और घड़ी की कीमत तक पूछने लगे.
वहीं जांच करने पहुंचे बसपा के जोनल इंचार्ज मदन राम का कहना है जिलाधिकारी की इस बात से मानसिक पीड़ा पहुंची है. क्या भारतीय जनता पार्टी की सरकार में दलित समुदाय के लोगों को अच्छा कपड़ा पहनने का अधिकार नहीं है.
कश्मीरी ने बताई कश्मीर की असली कहानी और आर्टिकल 370 को हटाने का असरमायावती ने कार्रवाई की मांग कीगौरतलब है कि बसपा प्रमुख मायावती ने बलिया के एक सरकारी स्कूल में खाने के दौरान छुआछूत को लेकर ट्वीय किया था. बलिया में दलित बच्चों के साथ भेदभाव की खबरों पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने कार्रवाई की मांग की है. मायावती ने कहा कि बलिया जिले के सरकारी स्कूल में दलित छात्रों को अलग बैठाकर भोजन कराने की खबर अति-दुःखद और अति-निंदनीय है. बसपा की मांग है कि ऐसे घिनौने जातिवादी भेदभाव के दोषियों के खिलाफ राज्य सरकार तुरंत सख्त कानूनी कार्रवाई करे, ताकि दूसरों को इससे सबक मिले और इसकी पुनरावृति न हो.