रांची में झारखंड के परिवहन मंत्री सीपी सिंह की सरकारी कार का कट गया चालान

कानून सबके लिए बराबर है. एक तरह के जुर्म के लिए हर किसी को एक ही सजा मिलती है. फिर वह आम आदमी हो या मंत्री. और जब कानून को टेक्नोलॉजी से जोड़ दिया जाये, तो अपराध करने वाला इस ‘तीसरी आंख’ से किसी भी सूरत में बच नहीं सकता. झारखंड के नगर विकास, आवास व परिवहन मंत्री सीपी सिंह की सरकारी कार भी इस ‘तीसरी आंख’ से नहीं बच पायी. ट्रैफिक नियम तोड़ने की वजह से परिवहन विभाग को 100 रुपये जुर्माना भरना पड़ा.
सीपी सिंह की कार ने 23 अगस्त को सर्जना चौक पर रेड लाइट जंप की थी. तीसरी आंख यानी सीसीटीवी, जिसे रेड लाइट वॉयलेशन डिटेक्शन सिस्टम (RLVD) भी कहते हैं, ने इसकी तस्वीर कैद कर ली. नियम के तहत कार का चालान मंत्रालय को भेजा गया और विभाग ने 100 रुपये जमा करवा दिये. इस संबंध में जब में जब सीपी सिंह से prabhatkhabar.com ने बात की, तो उन्होंने कहा कि ड्राइवर ने गलती की थी, नियम के मुताबिक जुर्माना भर दिया गया है.
श्री सिंह ने कहा कि वह खुद कार ड्राइव नहीं कर रहे थे. यह उनकी कार नहीं थी. सरकारी गाड़ी थी, मंत्रालय की कार थी. ड्राइवर चला रहा था. इसे मीडिया ने ऐसे प्रचारित किया, मानो कोई बड़ी आतंकी वारदात हो गयी. ड्राइवर ने गलती की, तो फाइन भी भर दिया गया. उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि पीली बत्ती में ड्राइवर आगे बढ़ जाता है और क्रॉसिंग पार करने से पहले लाल बत्ती जल जाती है. ऐसा हो सकता है. यह कोई बहुत बड़ा गुनाह है क्या? ड्राइवर आखिर इन्सान है. इन्सान से गलती हो जाती है.
 
श्री सिंह ने बताया कि पांच साल पहले उनकी निजी कार का भी चालान कटा था. उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी कार लेकर गयी थीं. कोतवाली के पास कार खड़ी कर पत्नी शास्त्री मार्केट में शॉपिंग करने चली गयीं. इसी बीच ड्राइवर भी कार छोड़कर चला गया. ट्रैफिक पुलिस ने चालान काट दिया. श्री सिंह ने कहा कि उसके बिल का भुगतान उन्होंने स्वयं किया.
दूसरों की फाइन भी भरते हैं सीपी सिंह
झारखंड के नगर विकास, आवास एवं परिवहन मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि उन्होंने कभी भी किसी को रौब या धौंस नहीं दिखायी. कहा कि कानून सबके लिए बराबर है. यदि गलती हुई है, तो सजा भुगतनी होगी. उन्होंने यह भी कहा कि कई बार वह दूसरों के चालान का भी भुगतान करते हैं. कभी किसी ऑटो का 4-5 हजार रुपये का चालान कट जाता है, तो ड्राइवर उनके पास आता है. वह उसकी मदद करते हैं और उसे चालान भरने के पैसे दे देते हैं.
श्री सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने यहां एक नियम बना रखा है. मंत्री ने बताया कि उन्होंने कह रखा है कि यदि कहीं गलती से चालान कट जाये, तो उसका भुगतान करो. जेब में पैसे नहीं हैं, तो उनसे (मंत्री जी से) पैसे लेकर जायें चालान भरें. उन्होंने कहा कि सरकार जब लोगों से कहती है कि नियम का पालन करें, तो मंत्रियों को भी इसका पालन करना चाहिए.
कई बार बुरे अनुभव से गुजरे हैं सीपी सिंह
झारखंड के मंत्री ने कहा कि कई बार उन्होंने क्रॉसिंग पर ट्रैफिक पुलिस की आम लोगों के साथ झड़प देखी है. मैंने देखा है कि ट्रैफिक कांस्टेबल जब किसी को पकड़ने के लिए दौड़ते थे, तो कई बार हादसे हो जाते थे. ऐसी घटनाओं को रोकने और ट्रैफिक नियमों में पारदर्शिता लाने के लिए उन्होंने ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर और रेड लाइट वॉयलेशन डिटेक्शन सिस्टम की शुरुआत की. श्री सिंह ने कहा कि इसी सिस्टम की वजह से आज रांची की ट्रैफिक बहुत हद तक ठीक-ठाक है.

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