आर्थिक तंगी में गाड़ियां बेचने को मजबूर हुई माकपा तो अब पार्टी ने जारी किया ये फरमान

बंगाल में चुनाव-दर-चुनाव सियासी जमीन खो रही माकपा अब आर्थिक तंगी की भी चपेट में आ गई है। दैनिक खर्च चलाने को उसे अपनी गाड़ियां बेचनी पड़ रही हैं। एक समय था, जब बंगाल माकपा देशभर में अपने संगठनों का खर्च वहन करती थी। वर्तमान में केरल को छोड़कर बाकी सभी जगह माकपा की आर्थिक स्थिति खराब है। बंगाल में माकपा की आय आधी हो गई है।
इसे देखते हुए राज्य पार्टी नेतृत्व ने प्रत्येक जिला कमेटी को अगले साल जनवरी तक 12 लाख रुपये संग्रह कर पार्टी फंड में जमा कराने को कहा है। इसके साथ ही पार्टी का खर्च कम करने का भी सख्त निर्देश दिया गया है। विभिन्न जिलों में गाडि़यों का इस्तेमाल कम करने को कहा गया है। पार्टी के नाम से जो भी अतिरिक्त गाडि़यां हैं, उन्हें बेच देने को कहा गया है।
कैब का इस्तेमाल करें
माकपा के राज्य नेतृत्व की ओर से निर्देश जारी कर कहा गया है कि अब से सिर्फ पार्टी के जिला सचिव और वरिष्ठ नेताओं को ही गाड़ी का इस्तेमाल करने की इजाजत होगी। बहुत जरुरत पड़ने पर एप कैब का इस्तेमाल करने को कहा गया है।
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पार्टी सूत्रों के मुताबिक उत्तर व दक्षिण 24 परगना जिलों में माकपा जिला कमेटी के नाम पर क्रमश: छह व चार गाडि़यां हैं। फोन का इस्तेमाल भी कम करने को कहा गया है। अंचल व शाखा कमेटी में टेलीफोन का कनेक्शन काटने को कहा गया है। पार्टी ने कहा है कि अभी सभी के पास मोबाइल है इसलिए लैंडलाइन का कम से कम इस्तेमाल किया जाए।

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