मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री (Former chief minister) शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) गुरुवार देर रात सीहोर जिले के कलेक्टर कार्यालय जा धमके. यहां उन्होंने कलेक्टर अजय गुप्ता और उनके अधीनस्थ अधिकारियों की क्लास लगाकर खराब हो रही सोयाबीन की फसल का तत्काल सर्वे कराने और बीमा कंपनियों से फसल मुआवजा (Compensation) दिलवाए जाने की पैरवी की. शिवराज सिंह चौहान इंदौर से सड़क मार्ग से भोपाल लौट रहे थे. इसी दौरान सीहोर जिले के आष्टा में कुछ किसानों ने उन्हें रास्ते में रोककर अपनी खराब हुई सोयाबीन की फसल दिखाई. किसानों ने स्थानीय प्रशासन और सरकार पर उनकी अनदेखी करने का आरोप भी लगाया.
किसानों की परेशानी सुनकर पूर्व मुख्यमंत्री ने उनकी समस्या के समाधान का आश्वासन दिया और कहा कि वे आज ही सीहोर कलेक्टर इस संबंध में चर्चा करेंगे. किसानों से किए इसी वादे को पूरा करने के लिए शिवराज चौहान देर रात कलेक्टर के कार्यालय पहुंच गए. पूर्व मुख्यमंत्री ने कलेक्टर से मांग की कि बाढ़ के कारण किसानों को हुई नुकसान की भरपाई की जाए और किसानों को अनाप-शनाप दिये बिजली के बिल तत्काल माफ किए जाएं.
70 सालों में नकदी का अभूतपूर्व संकटः नीति आयोगकिसानों के नुकसान को देखकर व्यथित हूं : शिवराज इस मौके पर मीडिया से चर्चा करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा- “मैं व्यथित हूं, किसानों के नुकसान को देख कर. भोपाल से इंदौर जाते समय आष्टा, सोनकच्छ और देवास तथा इंदौर में किसानों ने खराब फसल दिखाई. इसी सिलसिले में सीहोर के कलेक्टर कार्यालय में आज रात डीएम से चर्चा हुई. उन्हें ज्ञापन दिया. भोपाल में सीएम से भी चर्चा करूंगा. मेरी मांग है कि तत्काल फसल का सर्वे हो और बीमा कंपनी मुआवजा वितरित करे. इसके साथ ही बाढ़ में हुए नुकसान की भरपाई की जाए और किसानों को अनाप शनाप दिए बिजली के बिल तत्काल माफ किए जाएं.”