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योगी ने कैबिनेट विस्तार कर साधा जाति का गणित और सूबे का भूगोल

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने पहले मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए क्षेत्रीय और जातीय समीकरण को साधने की पूरी कोशिश की है. कैबिनेट विस्तार में 6 कैबिनेट, 6 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 11 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली. इस तरह से कुल 23 सदस्यों ने मंत्री पद की शपथ ली है. योगी सरकार ने पहले मंत्रिमंडल के विस्तार के जरिए 2022 के विधानसभा चुनाव का ताना-बाना बुना है.
ये बने कैबिनेट मंत्री
कैबिनेट मंत्री के रूप में महेंद्र सिंह, भूपेंद्र सिंह चौधरी, राम नरेश अग्निहोत्री, सुरेश राणा, अनिल राजभर, कमल रानी वरुण ने शपथ ली. नील कंठ तिवारी, कपिल देव अग्रवाल, सतीश द्विवेदी, अशोक कटारिया, श्रीराम चौहान और रवींद्र जायसवाल को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया.
ये बनाए गए राज्य मंत्री
इसके अलावा अनिल शर्मा, महेश गुप्ता, आनंद स्वरूप शुक्ला, विजय कश्यप, गिराज सिंह धर्मेश, लाखन सिंह राजपूत, नीलिमा कटियार, चौधरी उदय भान सिंह, चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, रामशंकर सिंह पटेल और अजीत सिंह पाल ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली.
 
किस जाति के कितने मंत्री
योगी कैबिनेट में अभी तक कुल 47 मंत्री थे. जिसमें से तीन मंत्री सांसद बनकर दिल्ली चले गए. मंत्रिमंडल के विस्तार में 23 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई. जिसमें 6 कैबिनेट 6 स्वतंत्र प्रभार 11 राज्य मंत्री बनाए गए हैं. इस तरह से योगी कैबिनेट में कुल मंत्रियों की संख्या 56 हो गई है. योगी सरकार ने कैबिनेट विस्तार में जातीय समीकरण का पूरी तरह से ख्याल रखा है. 6 ब्राह्मण, 2 ठाकुर, 2 जाट, 1 गूर्जर, 3 दलित, 2 कुर्मी, 1 राजभर, 1 पाल, 3 वैश्य, 1 लोध और 1 मल्लाह समुदाय से मंत्री बनाया गया है.
सबसे ज्यादा ब्राह्मण बने मंत्री
योगी कैबिनट विस्तार में सबसे ज्यादा ब्राह्मण समुदाय को जगह मिली है, 6 ब्राह्मण नेताओं को मंत्री बनाया गया है. इनमें कैबिनेट मंत्री के तौर पर राम नरेश अग्निहोत्री तो स्वतंत्र प्रभार के तौर पर नीलकंठ तिवारी और सतीश द्विवेदी को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. इसके अलावा राज्यमंत्री के तौर पर अनिल शर्मा, आनंद स्वरूप शुक्ला और चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय को शामिल किया गया है.
दलित और वैश्य को भी मिला तवज्जो
ब्राह्मण समुदाय के बाद योगी कैबिनेट में 3 दलित और 3 वैश्य समुदाय से मंत्री बनाए गए हैं. दलित चेहरे में कैबिनेट मंत्री के तौर पर कमल रानी वरुण को बनाया गया है और स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री के तौर पर श्रीराम चौहान को शामिल किया गया है. राज्यमंत्री के तौर पर गिराज सिंह धर्मेश को बनाया गया है. वैश्य समुदाय से स्वतंत्र प्रभार के तौर पर कपिल देव अग्रवाल और रवींद्र जायसवाल को शामिल किया गया है तो राज्यमंत्री के तौर पर महेश गुप्ता को जगह मिली है.
क्षत्रिय समुदाय से किसी नए चेहरे को शामिल नहीं किया गया है. हालांकि दो कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं. इनमें महेंद्र सिंह और सुरेश राणा का नाम शामिल है. दोनो मंत्रियों का प्रमोशन किया गया है. अभी तक ये दोनो नेताओं के पास स्वतंत्र प्रभार की जिम्मेदारी थी.
कुर्मी समुदाय के दो मंत्री मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं. इनमें नीलिमा कटियार और रामशंकर सिंह पटेल शामिल हैं, जिन्हें राज्यमंत्री बनाया गया है. इसके अलावा जाट समुदाय से भी 2 मंत्री बनाए गए हैं. भूपेंद्र सिंह चौधरी का प्रमोशन करके कैबिनेट मंत्री बना दिया गया है और राज्यमंत्री के तौर पर चौधरी उदय भान सिंह को शामिल किया गया है.
योगी कैबिनेट में ये बने पहला गुर्जर मंत्री
गुर्जर समुदाय को साधने के लिए योगी सरकार ने पहली बार किसी नेता को अपनी कैबिनेट में जगह दी है. बिजनौर के एमएलसी अशोक कटारिया को राज्यमंत्री बनाया गया है. गुर्जर समुदाय से वह एकलौता चेहरा हैं. एसपी बघेल के सांसद बनने के बाद पाल समुदाय की भागेदारी को सरकार में बढ़ाने के लिए अजीत सिंह पाल को राज्य मंत्री बनाया गया है.
ऐसे साधा क्षेत्रिय समीकरण
ओम प्रकाश राजभर के बीजेपी से अलग होने के बाद राजभर समुदाय को साधने के लिए योगी आदित्यनाथ ने अनिल राजभर का कद बढ़ा दिया है. अनिल राजभर को राज्यमंत्री से स्वतंत्र प्रभार की जिम्मेदारी सौंपी गई है. मल्लाह समुदाय को साधने के लिए योगी सरकार ने विजय कश्यप को राज्यमंत्री बनाया है. जबकि लोध समुदाय से लाखन सिंह राजपूत को राज्यमंत्री बनाकर मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है.  
क्षेत्रवार बात की जाए तो इस बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ बुंदेलखंड और पूर्वांचल को पूरी तरह से साधने की कवायद की गई है. कैबिनेट मंत्री से लेकर स्वतंत्र प्रभार और राज्य मंत्रियों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अच्छी खासी जगह दी गई है.

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