ऊना विधायक मामले पर विधानसभा में हंगामे के बाद कांग्रेस का वाकआउट, सीएम ने दिया बड़ा बयान
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन कांग्रेस ने विधायक संस्था पर खतरा बताया और हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने प्वाइंट आॅफ ऑर्डर के तहत मामला उठाया कि कांग्रेस विधायक सतपाल सिंह रायजादा के घर पर राजनीतिक षडयंत्र के तहत पुलिस ने कार्रवाई की है। घर पर जाकर विधायक के पीएसओ व सहायक को गिरफ्तार किया। विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर राजीव बिंदल ने कहा विधानसभा का सत्र 11 दिन के लिए है, नियम 67 के तहत इस मामले को कभी भी उठाया जा सकता है। अभी यह मामला उठाए जाने का उपयुक्त समय नहीं है। इसके बाद हंगामा शुरू हो गया व कुछ देर के के लिए सदन की कार्यवाही स्थतिग कर दी गई। दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर भी कांग्रेस का प्रदर्शन जारी रहा व कुछ देर बाद सभी विधायकों ने अपने नेता सहित वाकआउट कर दिया। इसके बाद कांग्रेस विधायक दोबारा कार्यवाही में शामिल हुए, लेकिन उनका प्रदर्शन और नारेबाजी जा रही।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि माफिया इतना सशक्त है और हावी हो गया है कि पूरा विधायक दल प्रदर्शन और बचाव में उतर आया है। इस बात को सुनते ही विपक्ष के सारे विधायक वेल में आ गए और नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री से माफी मांगने की अपील की। अब दोबारा से हंगामा हो रहा है और कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा के विधायक और मंत्री भी नारेबाजी कर रहे है।
मौजूदा विधानसभा में पहली बार कांग्रेस के सदस्य सदन के बीचोंबीच आ गए, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह समेत सभी कांग्रेस विधायकों ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। शोर-शराबे के बीच संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज कुछ कहना चाहते थे, लेकिन विपक्ष नारेबाजी जारी रखे हुए है। विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर बिंदल यह कहते सुने गए प्लीज बहुत हो गया शांत हो जाइए। लेकिन विपक्ष का गुस्सा सातवें आसमान पर है। उधर, भाजपा के सभी विधायक नारेबाजी कर रहे हैं, जबकि अनिल शर्मा चुपचाप बैठे हुए हैं।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी चुपचाप अपनी सीट पर बैठे हुए हैं, जबकि बाकी सभी मंत्री जोर-जोर से नारेबाजी और तालियां बजा रहे हैं और विपक्ष प्रदर्शन कर रहा है। इससे पहले विधानसभा में एक घंटे का शोक प्रकट किया गया, जिसमें विधानसभा के तीन पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।