पीएम नरेंद्र मोदी की इस अपील को जमीन पर ऐसे उतार सकते हैं 14 करोड़ किसान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने किसानों से कैमिकल और पेस्टिसाइड का कम इस्तेमाल करने की सलाह दी है. उन्होंने 14.5 करोड़ किसानों से कहा कि एक किसान के रूप में हमें धरती मां को बीमार बनाने का हक नहीं है. दरअसल, उनका इशारा आर्गेनिक फार्मिंक (Organic Farming) को बढ़ावा देने की ओर है. इससे पहले जब जुलाई में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश कर रहीं थीं तो उन्होंने ‘जीरो बजट’ खेती (Zero Budget Farming ) पर जोर दिया. ऐसी खेती में कीटनाशक और रासायनिक खादों (Pesticides and Chemical Fertilizers) का इस्तेमाल नहीं होता. आखिर सरकार की इस अपील के पीछे क्या मकसद है. क्या रासायनिक खादों के अंधाधुंध इस्तेमाल से धरती की उर्वरा शक्ति कम हो रही है या फिर लोगों के खराब होते स्वास्थ्य ने चिंता बढ़ा दी है?
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किसानों की चिंता और सरकारी तंत्र के दावे 

सरकार आर्गेनिक खेती करने की अपील भले ही कर रही हो लेकिन किसानों को यह डर है कि अगर हम रासायनिक खादों का इस्तेमाल बंद कर देंगे तो प्रोडक्शन घट जाएगा. यह चिंता कुछ कृषि वैज्ञानिकों की भी है. दूसरी ओर, अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (IFAD) ने भारत व चीन में किए गए अध्ययनों के आधार पर इस बात की पुष्टि की है कि जैविक खेती अपनाने से किसानों की आय में काफी बढ़ोत्तरी होती है. प्रमाणिक जैविक उत्पाद का बाजार में अच्छा दाम प्राप्त किया जा सकता है. नेशनल सेंटर ऑफ आर्गेनिक फार्मिंग ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बात का दावा किया है.
 

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