तीन तलाक को खत्म करने के लिए PM मोदी का नाम भी समाज सुधारकों में जुड़ गया- अमित शाह

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कांग्रेस पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया. शाह ने कहा कि कोई भी कुप्रथा हो, जब उसे खत्म किया जाता है तो उसका विरोध नहीं होता बल्कि उसका स्वागत होता है लेकिन तीन तलाक कुप्रथा को हटाने के खिलाफ इतना विरोध हुआ. इसके लिए तुष्टिकरण की राजनीति जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि तीन तलाक खत्म करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहम भूमिका निभाई.
शाह ने कहा, ''कई समाज सुधारकों ने देश में अनेक कुप्रथाओं का अंत किया है. बाल विवाह, छूआ-छूत, दहेज, महिला उत्पीड़न सहित कई कुप्रथाओं को खत्म करने में कई समाज सुधारकों का योगदान रहा है. तीन तलाक को खत्म करने के लिए नरेंद्र मोदी का नाम भी समाज सुधारकों में जुड़ गया है.''
अमित शाह ने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक के मामले पर शाह बानो जी के पक्ष में 23 अप्रैल 1985 को फैसला दिया था. तब बहुमत के साथ श्री राजीव गांधी शासन कर रहे थे. उन्होंने वोट बैंक के दबाव में कानून बनाया और SC के फैसले को निरस्त कर तीन तलाक को मुस्लिम महिलाओं पर थोप दिया.''
उन्होंने कहा, ''दुहाई दी जाती है कि तीन तलाक मुस्लिम शरीयत का अंग है. पाकिस्तान, बांग्लादेश, मोरक्को, इंडोनेशिया, जॉर्डन समेत 19 देशों ने 1922-1963 के बीच ही तीन तलाक को खत्म कर दिया था. इनमें से ज्यादातर इस्लामिक देश हैं. इससे स्पष्ट होता है कि तीन तलाक इस्लाम के खिलाफ नहीं है.''
उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों के वोटबैंक के आधार पर सालोंसाल तक सत्ता में आने की आदत के कारण देश में तीन तलाक जैसी कुप्रथाएं चलती रहीं. इस देश के विकास और सामाजिक समरसता के आड़े भी तुष्टिकरण की राजनीति आई है.‘‘तीन तलाक की समाप्ति : एक ऐतिहासिक गलती में सुधार ’’विषय पर अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा, ‘‘जो राजनीति 60 के दशक के बाद कांग्रेस ने शुरू की और बाकी दलों ने भी उसका अनुसरण किया, उसका असर देश के लोकतंत्र, सामाजिक जीवन और गरीबों के उत्थान पर पड़ा है. 2014 में इस देश की जनता ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को पूर्ण बहुमत देकर तुष्टिकरण की राजनीति के अंत की शुरूआत कर दी .’’

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