मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ध्वजारोहण किया; बोले- प्रदेश के विकास की राह चुनौती भरी

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लाल परेड ग्राउंड में सुबह 9 बजे ध्वजारोहण किया। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि सरकार के लिए प्रदेश के विकास की राह चुनौतियों से भरी पड़ी है। जनता को दिए गए वचन-पत्र में सभी वादों को पांच सालों में पूरा करेंगे। कमलनाथ ने कहा कि कृषि विकास हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में है। किसानों का ऋण माफ़ कर हमने अपना चुनावी वादा पूरा किया। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य देने के लिए हमने गेहूं विक्रय पर 160 रूपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे चरण की कर्जमाफी जल्द शुरू की जाएगी। सहकारी बैंकों की पूरी छानबीन कर ली गई है। साथ ही उन्होंने कहा कि ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ाई कर प्रदेश की बेटियों ने हमें गौरवान्वित किया है। 
मैग्नीफिशेंट मध्य प्रदेश से आएगा निवेश 
हमारी सरकार की योजना हर जिले में कम से कम एक औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने की है। निवेश आकर्षित करने के लिये 18 से 20 अक्टूबर तक इंदौर में 'मेग्नीफिशेंट (Magnificent) मध्यप्रदेश' कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। हम कानून बनाने जा रहे हैं कि प्रदेश की औद्योगिक ईकाइयों को 70 प्रतिशत रोजगार प्रदेश के लोगों को ही देना पड़ेगा। 
आदिवासियों को वन भूमि पट्टे दिए जाएंगे 
हमारी सरकार ने गरीबों के आवास के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अलग-अलग आवास योजनाएँ चला रखी है। आदिवासी भाइयों को आर्थिक रूप से सम्पन्न बनाने के लिये सरकार औषधीय खेती योजना लेकर आ रही है। हमारे आदिवासी भाइयों को जिनका वन भूमि पर पुराना कब्जा है, वन अधिकार देने का काम पहले हुआ है, लेकिन कई आदिवासी भाइयों को पात्र होने के बावजूद छोड़ दिया गया।
छिंदवाड़ा में यूनिवर्सिटी की स्थापना की 
छिन्दवाड़ा, सिवनी, बैतूल और बालाघाट जिले के विद्यार्थियों को सुविधा के लिए छिंदवाड़ा में यूनिवर्सिटी स्थापित की गई है। किसी समाज का विकास बेहतर शिक्षा से ही हो सकता है। स्कूल शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए इस वर्ष 200 नए हाईस्कूल तथा 200 नए हायर सेकेण्डरी स्कूल खोले जाएंगे। 
इंदौर-भोपाल के साथ ग्वालियर होंगे मेट्रोपॉलिटन रीजन
असंगठित मजदूरों के कल्याण से मध्यप्रदेश पर बीमारू राज्य का जो टैग लगा है उसे हम मिटा पाने में सफल होंगे। 18 जिलों में आधार कार्ड आधारित राशन वितरण व्यवस्था लागू की गई है।  भोपाल और इंदौर शहरों पर बढ़ते दबाव को कम करने के लिए राज्य सरकार एक महत्वाकांक्षी एकीकृत प्रोजेक्ट इंदौर-भोपाल एक्सप्रेस-वे पर काम कर रही है। भोपाल और इंदौर की लगातार बढ़ती आबादी मूलभूत सुविधाओं को प्रभावित कर रही हैं। इससे बचने के लिए उपनगरों की स्थापना जरूरी है। इसलिए भोपाल और इंदौर के साथ ही ग्वालियर को मेट्रोपॉलिटन रीजन बनाई जा रही है।

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