कश्मीर से लौटे प्रतिनिधिमंडल ने कहा, खबरों से अलग हैं हालात

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद घाटी के हालात को लेकर सियासी तपिश जारी है. मीडिया रिपोर्ट्स जहां घाटी में तनावपूर्ण शांति का दावा कर रही हैं, वहीं कश्मीर से लौटे एक प्रतिनिधिमंडल ने घाटी में खबरों से भिन्न हालात का दावा किया है. टीम का दावा है कि भारतीय मीडिया में जिस तरह की रिपोर्टिंग हो रही है, घाटी में हालात उससे बिल्कुल भिन्न हैं.
प्रतिनिधिमंडल की ओर से 14 तारीख को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घाटी के हालात का सच बताने की जानकारी दी गई है. टीम की ओर से कहा गया है कि नई दिल्ली स्थित प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने दावे के समर्थन में वीडियो, फोटो और अन्य जानकारियां शेयर करेंगे.
इस प्रतिनिधिमंडल में अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज, वाम संगठन आल इंडिया प्रोग्रेसिव वुमन एसोसिएशन (एपवा) की कविता कृष्णन, आल इंडिया डेमोक्रेटिक वूमन्स एसोसिएशन (एडवा) के मैमूना मोल्ला, नेशनल अलायंस ऑफ पीपल्स मूवमेंट के विमल भाई शामिल थे.
इस प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में कश्मीर का दौरा किया है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले दिनों जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का विधेयक संसद से पारित कराया था. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही जम्मू कश्मीर से विशेष दर्जा छिन गया है. इस निर्णय से पहले सरकार ने जम्मू कश्मीर में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की थी.
पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट की अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला समेत कई स्थानीय नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है.
राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद को जम्मू एयरपोर्ट से लौटा दिया गया था. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने विपक्षी नेताओं को कश्मीर जाने की इजाजत दिए जाने की मांग की थी, जिसे प्रदेश के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने खारिज कर दिया है.

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