पंचायत राज एक्ट में किये गए संशोधन मामले में हाई कोर्ट ने सरकार से दस दिन में मांगा जवाब

हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के पंचायत राज एक्ट में किये गए संशोधन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग व सरकार को नोटिस जारी कर दस दिन में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। ग्राम प्रधान संगठन की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में सुनवाई हुई।
नयागांव कोटाबाग निवासी मनोहर लाल आर्य, हिमांशु पांडे, कुंदन सिंह, रितेश जोशी, परवीन कुमार, सुरेश आर्य सहित प्रधान संगठन ने याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार द्वारा 2019 में पंचायती राज एक्ट में संसोधन किया गया है । एक्ट के अनुसार दो बच्चे से अधिक वाले उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है, जो गलत है। सरकार द्वारा एक्ट के बदलाव को बैक डेट से लागू कराया जा रहा है, जो नियम विरुद्ध है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि अगर किसी एक्ट में बदलाव किया जाता है तो उसको लागू करने से पूर्व 300 दिन का समय दिया जाता है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा बैक डेट से संसोधन एक्ट लागू कराया जा रहा है। याचिकाकर्ताओं का यह भी कहना है कि सरकार के दो बच्चों से अधिक के चुनाव लड़ने वाले बदलाव के बाद पहाड़ी क्षेत्रों में प्रधान के उम्मीदवार मिलना मुश्किल हो जाएगा साथ ही याचिका में हाई स्कूल पास की होने की बाध्यता को भी चुनौती दी है। एक्ट के संसोधन में यह भी कहा गया है कि कॉपरेटिव सोसायटी के सदस्य भी दो से अधिक बच्चे होने के कारण चुनाव नही लड़ सकते है, लेकिन गांव में प्रत्येक सदस्य कोई न कोई कॉपरेटिव सोसायटी का सदस्य होता है इस तरह से तो ग्राम प्रधान मिलना मुश्किल हो जायेगा।

More videos

See All