कांग्रेस नेता कर्ण सिंह बोले- मैंने ही की थी लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाने की सिफारिश

जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने और धारा 370 को कमजोर करने को लेकर केंद्र सरकार के फैसले पर कांग्रेस कई भागों में बंटी हुई दिख रही है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के बड़े नेता कर्ण सिंह ने लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के ताजा हालात को लेकर एक बयान जारी किया है.
अपने बयान में उन्होंने लिखा कि लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के लिए उन्होंने 1965 में ही सिफारिश की थी, तब वह राज्य के राज्यपाल (सदर-ए-रियासत) थे. उन्होंने ये भी कहा कि 35ए की वजह से लिंग भेदभाव का असर काफी बड़ा था. कांग्रेस नेता ने कहा कि अब इस फैसले के बाद पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को भी बाकी सारे अधिकार मिल पाएंगे.
कर्ण सिंह ने अपने संदेश में जम्मू-कश्मीर को लेकर भी चिंता जाहिर की. उन्होंने लिखा कि घाटी में राजनीतिक संवाद बरकरार रखने की जरूरत है, वहां के दो राजनीतिक दलों को इस तरह देशद्रोही बताना पूरी तरह से गलत है. उनके कार्यकर्ताओं ने भी घाटी में अपनी जान गंवाई है, ऐसे में मैं अपील करता हूं कि जिन कश्मीरी नेताओं को हिरासत में लिया गया है, उन्हें तुरंत छोड़ा जाए.
उन्होंने लिखा कि हम सभी का लक्ष्य क्षेत्र में शांति फैलाना होना चाहिए और जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए. उन्होंने अंत में लिखा कि जम्मू-कश्मीर के साथ मेरे रिश्ते हैं, क्योंकि इस राज्य की स्थापना मेरे पूर्वजों ने की और मेरे पिता महाराजा हरिसिंह ने 1947 में भारत सरकार के साथ समझौता किया था.
गौरतलब है कि कांग्रेस में केंद्र सरकार के फैसले को लेकर कई धड़े दिख रहे हैं. गांधी परिवार, गुलाम नबी आजाद समेत कई नेताओं ने केंद्र के फैसले को असंवैधानिक बताया था, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया, दीपेंद्र हुड्डा, जनार्दन द्विदेदी समेत कुछ नेताओं ने धारा 370 को हटाने का समर्थन किया.

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