हिमाचल ने देखा है सुषमा का मानवीय चेहरा, मुसीबत के इन मौकों पर बनी मददगार

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का निधन हिमाचल प्रदेश के लिए भी झटके कम नहीं है, यहां के लोगों ने कई बार उनका मानवीय चेहरा देखा है। सऊदी अरब में फंसे हिमाचल के 12 युवकों की रिहाई का मामला हो या अमेरिका में इलाजरत युवक की मदद का या नाइजीरियाई लुटेरों के बंधक बने हिमाचल के युवाओं का, सुषमा ने प्रदेश के लोगों की हरसंभव मदद की। उनकी मानवीयता के कारण ही प्रदेश के कई घरों की खुशियां बरकरार हैैं।
वर्ष 2018 में एजेंट के माध्यम से टूरिस्ट वीजा पर नौकरी के लिए सऊदी अरब गए हिमाचल के 13 लोगों समेत पंजाब के एक युवक को बंधक बना लिया गया। इनमें मंडी के सुंदरनगर से नौ, बल्ह के चार और एक पंजाब के नूरपुर बेदी का रहने वाला था। वहां से एक युवक ने परिवार को वीडियो संदेश भेजकर व्यथा सुनाई। परिजनों ने थाने में शिकायत दी और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष मामला उठाया। मुख्यमंत्री ने मामला तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से उठाया तो उन्होंने पहल करने में देर नहीं की। सऊदी अरब सरकार के साथ समन्वय कर सभी बंधकों को सुरक्षित घर तक पहुंचाने में सफल रहीं। सुषमा की बदौलत 14 घरों के चिराग सकुशल घरवापसी कर सके।
इसी साल कांगड़ा जिले के दो युवकों को नाइजीरिया के शहर लागोस की बंदरगाह में चार माह से व्यावसायिक समुद्री जहाज में बेवजह नजरबंद करके रखा गया था। परिजनों ने शांता कुमार से मामला उठाया तो उन्होंने सुषमा स्वराज से बात की। सुषमा के प्रयास से इन दोनों युवकों को नई जिंदगी मिली और सकुशल घर लौट सके।
एक और मामला मंडी जिले के युवक से जुड़ा है, जिसमें सुषमा मददगार बनीं।
अमेरिका के निजी हॉस्पिटल एसपलूल में भर्ती हिमाचल के एक युवक के परिजनों ने उनसे उसके विदेश लौटने के लिए इंतजाम करने की गुहार लगाई। मंडी का रहने वाला यह युवक अमेरिका में नौकरी करता था। इस दौरान वहां पर उस पर अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया था, जिसके बाद कई दिन से अश्वनी अस्पताल में भर्ती रहा। सुषमा ने मामले को खुद देखा और परिवार की गुहार पर उसकी वापसी के लिए प्रबंध करने में मदद की।

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