ग्रुप-डी की नौकरियों का नतीजा हैं मिड्ढा : रामबिलास

विधानसभा के माॅनसून सत्र के दौरान सोमवार को हरियाणा लोकसेवा आयोग और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा की गई भर्तियों पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाए। नौकरियां बेचने के आरोप भी इस दौरान लगाए गए। हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विपक्षी दलों के विधायकों के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि हमने नौकरियां मैरिट पर दी हैं और आगे भी ऐसे ही देते रहेंगे। इस दौरान संसदीय कार्यमंत्री प्रो़ रामबिलास शर्मा ने भी इस पर चुटकी ली। जींद उपचुनाव में भाजपा की टिकट पर जीत हासिल करने वाले डॉ़ कृष्ण मिड्ढा की ओर इशारा करते हुए रामबिलास ने कहा, मिड्ढा साहब ग्रुप-डी की भर्ती का ही नतीजा हैं। भाजपा ने ईमानदारी से युवाओं को रोजगार दिया। विधानसभा चुनाव में भी मैरिट पर नौकरियां भाजपा का सबसे बड़ा मुद्दा रहेगी।
दरअसल, शून्यकाल के दौरान विधायकों द्वारा अपने हलकों के अलावा कई ज्वलंत मुद्दे सदन में उठाए जा रहे थे। इसी दौरान कलायत से निर्दलीय विधायक जयप्रकाश ‘जेपी’ ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग पर नौकरियां बेचने के आरोप जड़ दिए। जेपी ने कहा, बेशक मुख्यमंत्री ईमानदार हैं लेकिन नौकरियों में पूरी तरह से पारदर्शिता नहीं है। उन्होंने कहा, सब-इंस्पेक्टर की भर्ती में भी धांधली की गई। जेपी ने कहा कि सात उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्हें पांच अंकों का लाभ मिलना चाहिए था, लेकिन उन्हें यह लाभ नहीं दिया गया। इस वजह से उनका चयन नहीं हो सका। पूर्व के सत्रों में भी नौकरियों के मुद्दे पर बहस होती रही है। बजट सत्र में कांग्रेस विधायक डॉ़ रघुबीर सिंह कादियान ने यह मान लिया था कि अब नौकरियों में मुख्यमंत्री की पर्ची नहीं चलती है। सोमवार को इस पर सफाई देते हुए कादियान ने कहा, मैंने यह कहा था कि मुख्यमंत्री पर्ची नहीं देते हैं, लेकिन इशारा करते हैं।

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