हर हफ्ते दिल्ली-जाने वाले अधिकारियों की कोई जरूरत नहीं: योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने अधिकारियों पर नकेल कस दी है. उन्होंने कहा कि हर हफ्ते दिल्ली जाने वाले अधिकारियों की मुझे कोई जरूरत नहीं. क्योंकि कुछ लोग शुक्रवार से मंगलवार तक दिल्ली-नोएडा और गाजियाबाद जाते हैं. अगर किसी का वहां और यहां आवास हो तो दिल्ली का आवास रद्द करें.
साथ ही उन्होंने कहा कि सरकारी सुविधा एक ही जगह मिलती है. बैठक में ग्राम विकास मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह, मुख्य सचिव अनूप चंद्र पाण्डेय, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री समेत संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
सोमवार को लोकभवन में बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के पाइप पेयजल योजना की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने पौने दो साल बाद भी विभागीय औपचारिकताओं के पेच के कारण अब तक काम न शुरू होने पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि यह बेहद महत्वाकांक्षी और जनहित से जुड़ी परियोजना है. मैं इसकी प्रगति की कई बार समीक्षा कर चुका हूं.
उन्होंने कहा, बावजदू इसके स्थित यह है कि फाइलों पर आपको बार-बार टिप्पणी लिखनी पड़ रही है. इसकी जगह आपस में बैठ जाएं तो कुछ मिनटों में समस्या हल हो जाएगी और काम में गति आ जाएगी. आपका काम गति देना है, बैरियर बनना नहीं.
मुख्यमंत्री ने कहा, अगर आपसी वार्ता में कोई दिक्कत है तो मुख्य सचिव या मेरे कार्यालय के अधिकारियों के साथ बैठकर समस्या का हल निकाल सकते हैं. जरूरत हो तो मुझे भी बता सकते हैं. कोई भी योजना संबंधित विभाग मिलकर संपूर्णता में बनाएं. जितनी भी आपत्तियां हैं उनका निस्तारण एक साथ करें. हर काम की हर महीने की डेडलाइन तय कर उसका अनुपालन सुनिश्चित कराएं.
नहीं सुनी मुख्य सचिव की सफाई
बैठक में मौजूद मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद्र पांडेय की भी सफाई मुख्यमंत्री ने नहीं सुनी और कहा कि हर बैठक के जो मिनट्स बनते हैं वह आपके पास भी जाते हैं. ऐसे में जवाबदेही तो आपकी भी बनती है. निर्देश दिया कि केंद्र से विभागों का बजट आ चुका है. महीने भर पहले मैंने अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों की बैठक की थी. एक दो दिन में उनके साथ फिर बैठक करूंगा.

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