गुटबाजी से बिखरी कांग्रेस, आप और भाजपा ने शुरू की चुनाव की तैयारी

विधानसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है। राजनीतिक पार्टियों ने जोर-आजमाइश भी शुरू कर दी है। इस सियासी दौड़ में कांग्रेस कहीं नहीं दिख रही है। अध्यक्ष पद रिक्त होने और गुटबाजी के कारण पार्टी बिखरी हुई है। चुनाव को लेकर आप और भाजपा पूरी तरह तैयारी में जुट गई हैं। उधर, कांग्रेस की हालत यह है कि उसके दिग्गज नेता जनता तो दूर, अपने कार्यकर्ताओं से भी मिलने में परहेज कर रहे है।आप लोकलुभावन घोषणाएं कर अपने सियासी किले को दुरुस्त करने में जुटी है। वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए पार्टी लगातार वादे कर रही है। भाजपा भी पीछे नहीं है। पार्टी आप को कटघरे में खड़ा करने की रणनीति के साथ ही केंद्र सरकार की योजनाओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास कार्यों को आगे रखकर आम जनता तक पहुंच बढ़ा रही है।

उधर, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निधन के बाद पार्टी एक बार फिर शून्य पर चली गई है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पुराने वोट बैंक के लौटने के कारण वह आप की चिंता का कारण बन गई थी। इससे विधानसभा चुनाव त्रिकोणीय होने के आसार थे। सात में पांच लोकसभा क्षेत्रों में कांग्रेस का प्रदर्शन आप से बेहतर रहा था।

शीला दीक्षित के निधन के बाद कांग्रेस एक बार फिर हाशिए पर चली गई है। पार्टी सूत्रों की मानें तो इसकी सबसे बड़ी वजह आपसी गुटबाजी है। इस वजह से कार्यकर्ता भी सक्रियता नहीं दिखा पा रहे हैं। पार्टी को ऐसे करिश्माई नेतृत्व का इंतजार है, जो आगामी विधानसभा चुनाव में वैतरणी पार लगा सके।

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