आम कश्मीरियों को नहीं कोई डर, महबूबा-फारूक जैसों में दहशत- गिरिराज सिंह

अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजने और तीर्थ यात्रियों के साथ पर्यटकों को वापस बुलाने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद से ही कश्मीर में राजनीतिक माहौल गर्म है. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और नेशनल कान्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला समेत कई नेता सरकार के इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं. इसको लेकर ये नेता राज्यपाल सत्यपाल मलिक से भी मिल चुके हैं. महबूबा मुफ्ती ने मुलाकात के बाद कहा था कि लोगों में डर का माहौल है. हालांकि राज्यपाल ने उन्हें कह दिया था कि अपने समर्थकों से कह दें कि वे अफवाह न फैलाएं. अब इसी मसले पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने महबूबा मुफ्ती और फारुक अब्दुल्ला पर हमला बोला है.

'भड़काने की राजनीति करती हैं महबूबा'
गिरिराज सिंह ने कहा कि महबूबा मुफ़्ती और फारूक अब्दुल्ला जैसे लोगों के गैंग ने हमेशा कश्मीर की राजनीति और यहां के शांतिप्रिय लोगों को भड़काने का काम किया है. कश्मीर के लोग ख़ुश हैं क्योंकि उन्हें पढ़ाई, रोज़गार और बेहतर माहौल की सुविधा मिल रही है. हालांकि इसी गैंग को डर जरूर है, इसलिए इन्हें चैन नहीं आ रहा है.
'कश्मीरियों में नहीं कोई डर'
उन्होंने कहा कि 35ए और धारा 370 को लेकर सरकार को डिस्टर्ब करना और लोगों में भय पैदा करने का हथकंडा है. अगर दहशत में कोई है तो वह महबूबा मुफ़्ती और फ़ारूक़ अब्दुल्ला जैसे नेता हैं. लोगों में कोई दहशत नहीं और उन्हें भारत की सुरक्षा पर पूरा भरोसा है. ये उनको सम्मान की नजर से देखते हैं क्योंकि ये हैं तो सुरक्षित हैं.

आर-पार हो चुका मामला- महबूबा
बता दें कि जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे के संबंध में कुछ संभावित बड़े फैसले को लेकर घाटी में बढ़ती अटकलों के बीच राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा, अब मामला आर पार का हो चुका है और भारत ने जनता के बजाय जमीन को तरजीह दी है.
पीडीपी अध्यक्ष ने ट्वीट किया, आप एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य के प्यार को जीतने में नाकाम रहे, जिसने धार्मिक आधार पर विभेद को खारिज किया और धर्मनिरपेक्ष भारत को चुना। अब मामला आर पार का हो चुका है और भारत ने जनता के बदले जमीन को तरजीह दी है.

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