ग्रोवर को बर्खास्त करने की मांग, किलोमीटर स्कीम घोटाले पर कांग्रेस का वाॅकआउट

विधानसभा के आखिरी मॉनसून सत्र के पहले दिन विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा। इनेलो और कांग्रेस सरकार को घेरने में एकजुट नजर आई। विपक्ष की ओर से विभिन्न घोटालों के अलावा कच्चे कर्मचारियों, पानी, लॉ एंड ऑर्डर जैसे मुद्दे उठाए तो साथ ही रोहतक में एफआईआर दर्ज होने के बाद राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर को बर्खास्त करने की मांग की। किलोमीटर स्कीम घोटाले पर कांग्रेस ने 5 मिनट का वॉकआउट किया। जबकि इनेलो के विधायक अभय चौटाला ने कहा कि गांव धरोधी में पानी समस्या को लेकर लोग धरने पर हैं।
यदि सरकार ने सुनवाई नहीं की तो वे अपने विधायकों के साथ 6 अगस्त के बाद वहां धरने पर बैठेंगे। कांग्रेसी विधायक करण दलाल ने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त तक का आरोप लगाया। बड़ी बात यह रही कि विपक्ष के आक्रामक रवैये पर सत्ता पक्ष ज्यादातर मुद्दे पर बैकफुट पर दिखा। करीब सवा दो घंटे चले सत्र में सरकार की ओर से कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ और कैप्टन अभिमन्यु ने कुछ कोशिश जरूर की, लेकिन ज्यादातर मामलों में वे भी बचाव ही करते रहे।
कुलदीप, दलाल और रावत को विशेषाधिकार हनन से राहत
मॉनसून सत्र के पहले दिन सत्ता पक्ष की ओर से दो कांग्रेसी और एक इनेलो के पूर्व विधायक के खिलाफ चल रहे विशेषाधिकार हनन के प्रस्तावों को वापस ले लिया गया। कांग्रेसी विधायक करण दलाल व कुलदीप शर्मा और इनेलो के पूर्व विधायक एवं वर्तमान भाजपा नेता केहर सिंह के खिलाफ यह मामले चल रहे थे। सदन में इन तीनों प्रस्तावों पर गठित विशेष अधिकार कमेटी ने जांच के लिए और समय मांगा लेकिन सत्ता पक्ष की पहल पर सभी विधायकों ने सर्व सम्मति से प्रस्ताव वापस लेने की स्वीकृति दी। बता दें कि पलवल से कांग्रेस विधायक करण सिंह दलाल ने वर्ष 2016 के मानसून सत्र में फसल बीमा योजना के तहत लिए जाने वाले प्रीमियम का 30 फीसद हिस्सा मंत्रियों की जेबों में जाने का आरोप लगाया था। उनसे इसके सबूत मांगे तो वे नहीं दे पाए। इस पर उनके खिलाफ सत्ता पक्ष ने विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पास किया था। इसी प्रकार कांग्रेसी विधायक कुलदीप शर्मा ने 2017 के बजट सत्र में सत्ता पक्ष के विधायकों और मंत्रियों की ओर इशारा करते हुए अवैध खनन में इनके शामिल होने की बात कही थी।

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