युवा हल्ला बोल का सनसनीखेज खुलासा बिना डिग्री सर्टिफिकेट के भी हो जा रहे हैं PCS परीक्षा 'पास' !

हरियाणा लोकसेवा आयोग में हो रही अनियमितताओं के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे राष्ट्रीय आंदोलन युवा हल्लाबोल ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर धांधलेबाजी को उजागर किया। चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में स्वराज इंडिया के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष राजीव गोदारा, युवा हल्लाबोल के नेशनल कोऑर्डिनेटर गोविन्द मिश्रा, इंटरनेशनल खिलाड़ी अनमोल सिंह एवं आयोग के खिलाफ हाइकोर्ट में याचिकाकर्ता एवं अभ्यर्थी स्वेता ढुल मौजूद रहे।
मीडिया को संबोधित करते हुए राजीव गोदारा ने कहा " मेरिट के ढोल पीटने वाली सरकार बड़े पदों की भर्ती में धांधली को होने देती है और इस तरह के मामलों को ढांपने के लिए हाईकोर्ट से न्यायिक समीक्षा के अधिकार को छीन भी लेती है। इस केस में भी जब मामला हाईकोर्ट से प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को भेज दिया और जब पूरा मामला हाईकोर्ट के दायरे से बाहर हो गया तो मैन्स एग्जाम का डेट जारी कर दिया गया और आज हरियाणा के युवा को न्याय दिलाने के लिए कोई मंच नहीं है।
"युवा हल्लाबोल के कोऑर्डिनेटर गोविन्द मिश्रा ने कहा कि हरियाणा के युवाओं के अधिकार के लिए हम हर स्तर की लड़ाई लड़ने को तैयार है। युवा हल्ला बोल ने पंचकूला में आयोग के सामने कई बार प्रदर्शन किया है। विरोध दर्ज करवाने के लिए सद्बुद्धि यज्ञ भी किया गया। मिश्रा ने बताया कि युवा हल्लाबोल अब आयोग में धांधलेबाजी के खिलाफ प्रदेश भर में प्रदर्शन करेगा। इसी क्रम में 3 अगस्त को कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में भी प्रदर्शन किया जाएगा जिसमें युवा हल्लाबोल के संयोजक अनुपम भी सम्मलित होंगे।
हरियाणा लोक सेवा आयोग ने स्पोर्ट कोटे में 60 लोगों को पास किया है जबकि पूरे प्रदेश में मात्र 13 लोगों के पास है A ग्रेड सर्टिफिकेट। केवल A ग्रेड सर्टिफिकेट वाले ही स्पोर्ट्स कोटे में फॉर्म भर सकते हैं। विश्व पटल पर देश और प्रदेश का नाम रोशन करने वाले इंटरनेशनल खिलाड़ी अनमोल सिंह ने प्रेस वार्ता में हरियाणा लोक सेवा आयोग की पोल खोल दी। अनमोल ने बताया कि आयोग उनके पास A ग्रेड सर्टिफिकेट है और उन्होंने प्री एग्जाम भी दिया था लेकिन उनको एग्जाम में पास 60 लोगों में शामिल नही किया गया, जब उन्होंने प्रदेश के ए सर्टिफिकेट धारी 13 लोगों के बारे में पता लगाने की कोशिश की तो उनमें से अधिकतर इस भर्ती के लिए परीक्षा ही नहीं दिए। प्रश्न ये उठता है कि ये 60 लोग कौन हैं और इनको आयोग ने किस आधार पर पास किया। युवा हल्लाबोल द्वारा प्रेस वार्ता में आरटीआई की कॉपियों को सबूत के तौर पर पेस किया गया।
आयोग के खिलाफ हाइकोर्ट में याचिकाकर्ता एवं अभ्यर्थी स्वेता ने आरोप लगाया है कि जब हम युवा आयोग को कोर्ट में लेकर जाते है तो वहां आयोग मंहगे से महंगा प्राइवेट वकील करता है, जबकि हमारे पास पैसे ना होने के कारण हम अच्छा वकील भी नहीं कर पाते। जब सरकार के पास सरकारी वकील है तो प्राइवेट वकील क्यो करती है। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा प्राइवेट वकील करने पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने के बाद भी आयोग की तरफ से हर बार प्राइवेट वकील ही क्यो पेश किया जा रहा है?
 
बताते चलें कि हरियाणा सरकार ने हाल ही में हुए असिस्टेंट प्रोफेसर मैथ, संस्कृत, फिजिक्स व साइकोलॉजी की 2016-17 में कराई गई परीक्षा को रद्द कर दिया है। क्योंकि प्रश्न पत्र में बहुत ही ज्यादा गलतियां थी इसी तरह कोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर हिंदी और जियोग्राफी की भर्ती प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया है।
हाल ही में असिस्टेंट प्रोफेसर एग्जाम इंग्लिश विषय का जो 2019 में कराया गया था को भी कैंसिल कर दिया गया है क्योंकि परीक्षा का प्रश्नपत्र यूजीसी नेट 2007 का पेपर उठाकर दे दिया था।
इसी तरह असिस्टेंट प्रोफेसर ज्योग्राफी में भी अनियमितताएं पाई गई है जिसमें एक ही कतार के ज़्यादातर रोल नंबर का सिलेक्शन हुआ है।
असिस्टेंट प्रोफेसर कॉमर्स में 80% कैंडिडेट जिनका सिलेक्शन हुआ वह जीजेयू यूनिवर्सिटी हिसार के ही हैं।
असिस्टेंट प्रोफेसर मैथमेटिक्स में भी 57 कैंडिडेट ऐसे हैं जिनके रोल नंबर एक दूसरे के आसपास है।
नायब तहसीलदार का एग्जाम जो एचपीएससी द्वारा कराया जाता है वह भी लीक हो गया है। जिसको मीडिया ने अच्छी तरह से कवर किया था लेकिन हैरानी की बात यह है इसके बावजूद भी कमीशन ने उसका रिजल्ट घोषित कर दिया है।
एग्जीक्यूटिव ब्रांच का एग्जाम है जिसमें
  • बायोमेट्रिक स्कैनिंग जो की ग्रुप डी में भी कराई जाती है वह इस एग्जाम में कराई ही नहीं गई 
  • कई जगह cctv कैमरें काम ही नहीं कर रहे थेकई जगहों पर थम्ब इंप्रेशन के लिए उपयोग की गई इंक परमानेंट वाली नहीं थी
  • CSAT एग्जाम में इतनी ज्यादा गड़बड़ी है कि खुद बोर्ड ने भी इसे मानते हुए 11 प्रश्नों को डिलीट कर दिया है
आठ प्रश्नों के लिए दिए गए विकल्प में से दो उत्तर सही बताए गए हैं
सकी वजह से कोई भी विद्यार्थी फाइनल एग्जाम में अपने अंकों का अनुमान नहीं लगा पा रहा है।अब अपनी खामियों को दूर करने के बजाय आयोग ने मैन्स एग्जाम की डेट जारी कर दी है। युवा हल्ला बोल की सरकार से मांग ही आगामी 8 अगस्त से होने वाली परीक्षा को रोक दिया जाए और मामले की जांच की जाए। युवा हल्लाबोल इस मामले पर जीत मिलने तक संघर्ष को जारी रखेगा।

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