उन्नाव रेप केस: ब्रेन इंजरी से कोमा में पीड़िता, लड़ रही है मौत से जंग

सड़क हादसे में बुरी तरह घायल हुई उन्नाव की रेप पीड़िता की हालत गंभीर, लेकिन स्थिर बनी हुई है. फिलहाल केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में चौथे मंजिल के न्यूरो ट्रामा वार्ड में पीड़िता और उसके वकील आईसीयू में भर्ती हैं. दोनों की हालत नाजुक बनी हुई है और दोनों कोमा में हैं.
केजीएमयू में न्यूरो विभाग के डॉक्टर संदीप के मुताबिक, दोनों की हालत स्थिर है, लेकिन सिर में डिफ्यूज ब्रेन इंजरी की वजह से पीड़िता कोमा में है, जो खतरनाक हालात की ओर इशारा करता है.
डिफ्यूज ब्रेन इंजरी कई बार सीटी स्कैन में भी पकड़ में नहीं आता, लेकिन कई मामलों देखा गया है कि स्वास्थ्य में सुधार के साथ पीड़ित कोमा से बाहर आ जाता है.डिफ्यूज ब्रेन इंजरी के अलावा पीड़िता को सबसे ज्यादा चोट उसके शरीर के दाहिने हिस्से में लगी है.
गले के पास की दाहिनी हड्डी टूट गई है. दाहिना कॉलर बोन टूटा है. दाहिने छाती की हड्डी टूटी है. दाहिने हाथ की कोहनी टूटी हुई है. पेल्विस एरिया की सैकरम हड्डी टूटी हुई है. दाहिनी जांघ की हड्डी भी टूटी हुई है.
एक्सीडेंट के दौरान पीड़िता के शरीर से करीब डेढ़ लीटर खून का रिसाव हो चुका है, हालांकि केजीएमयू में कई यूनिट खून पीड़िता को चढ़ाया जा चुका है. डॉक्टरों के लिए सबसे बड़ी चुनौती पीड़िता और वकील को वेंटिलेटर यानी लाइफ सपोर्ट सिस्टम से बाहर लाने की है.
48 घंटे के बाद कई बार दोनों को लाइफ सपोर्ट सिस्टम से हटाकर स्वभाविक तरीके से सांस लेने की कोशिश की गई, लेकिन नाकाम रही है और थोड़ी देर तक वेंटिलेटर हटाने के बाद फिर उन्हें वेंटिलेटर और लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखना पड़ रहा है.
डॉक्टरों के मुताबिक, रक्तचाप और पल्स सामान्य है, लेकिन जब तक कोमा से बाहर नहीं आते तब तक उन्हें बेहद गंभीर ही माना जाएगा.

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