मिडिल क्लास और नौकरीपेशा लोगों को मिल सकती है टैक्स में बड़ी राहत, रिपोर्ट हो रही तैयार

मोदी सरकार आम जनता को राहत देने की तैयारी में है. इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समाज के उस वर्ग को टारगेट कर रहे हैं जो देश के टैक्स का एक बड़ा हिस्सा चुकाता है.
अगर वित्त मंत्रालय टैक्स पर बनी टास्क फोर्स की सिफारिशें मान लेती है तो मिडिल क्लास को टैक्स में खासी राहत मिल सकती है. वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, ढाई लाख रुपये से 10 लाख रुपये सालाना आमदनी वालों के लिए सिर्फ 10 फीसदी टैक्स का प्रावधान हो सकता है. फिलहाल 5 लाख की आमदनी तक टैक्स में छूट मिलती है, जिससे बढ़ाकर साढ़े 6 लाख किया जा सकता है.  
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम नहीं खोलने की शर्त पर बताया कि डायरेक्ट टैक्सेस कोड (DTC) से आने वाले भारत के सबसे बड़े प्रत्यक्ष कर सुधारों में टैक्सपेयर्स को चार विभिन्न टैक्स स्लैब में बांटा जा सकता है. इसमें भत्तों में कटौती के साथ स्टैंडर्ड कटौती को बढ़ाने का रास्ता अपनाया जा सकता है.
20 फीसदी के स्लैब के दायरे में 10 लाख से 20 लाख रुपये की सालाना आमदनी वाले लाए जा सकते हैं. 30 फीसदी का स्लैब 20 लाख रुपये से 2 करोड़ रुपये की आमदनी वालों पर लागू हो सकता है.
रिपोर्ट में सबसे ऊंचा 35 फीसदी टैक्स स्लैब सुपर रिच यानी 2 करोड़ रुपये से अधिक आमदनी वालों पर लगाने का सुझाव दिया जा सकता है.
नए टैक्स ढांचे के मुताबिक, पूरी टैक्स छूट 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 6.5 लाख रुपये तक की जा सकती है. इन बदलावों से सरकारी खजाने को करीब 35,000 करोड़ रुपये तक का नुकसान हो सकता है.
इंडिया टुडे की डेटा इंटेलिजेंस यूनिट (DIU) को सूत्रों से पता चला है कि ड्राफ्ट कोड पर टॉस्क फोर्स की रिपोर्ट पूरी हो चुकी है.

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