राजद के मार्च से 15 साल के आतंक राज की याद ताजा हो गयी : संजय

जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि राजद के मार्च से 15 साल के आतंक राज की याद ताजा हो गयी. राजद का शिक्षा को लेकर मार्च करना तो बहाना था, इस मार्च के बहाने पटना की सड़कों पर गुंडागर्दी दिखाना था. प्रशासन के लोग आंख-कान बंद करके नहीं चलते हैं जिस तरह से राजद के कार्यकर्ता तोड़-फोड़ करते हुए सड़क पर तांडव मचा रहे थे.
वहीं राजद नेता मूकदर्शक बने रहे. राजद की कार्य संस्कृति नहीं बदली है. संजय सिंह ने कहा कि राजद के होनहारों ने कभी कॉलेज का मुंह तक नहीं देखा. चरवाहा विद्यालय चलाने वाले आज विवि का सवाल उठा रहे हैं. 
1990 से लेकर 2005 तक लालू-राबड़ी शासन में चरवाहा विद्यालय की स्थापना हुई, शिक्षकों को वेतन नहीं दिया जाता था, बिहार से शिक्षक पलायन कर गये थे, सालों शिक्षक की बहाली नहीं हुई, छात्रों के कल्याण के लिए एक भी योजना नहीं चलायी गयी. स्कूलों के भवनों पर दबंगों का कब्जा रहता था. वहीं नीतीश सरकार का ध्यान क्वालिटी एजुकेशन पर है. बिहार के छात्रों को नीतीश कुमार लालटेन युग से एलइडी युग में लाये.

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