केंद्र की तर्ज पर भ्रष्ट अधिकारियों को जबरन घर भेजने की तैयारी में केजरीवाल सरकार

भ्रष्ट और नाकारा अफसरों को जबरन रिटायर करने के नरेंद्र मोदी सरकार के निर्णय की तर्ज पर दिल्ली सरकार भी ऐसे अफसरों को घर भेजने की तैयारी में हैं। उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से मिली हरी झंडी के बाद नौकरशाह इस पर गंभीरता से काम कर रहे हैं। सभी विभाग अपनी रिपोर्ट तैयार कर मुख्य सचिव को देने की तैयारी में हैं। 31 जुलाई से पहले यह रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपनी है। इसके बाद दो अगस्त को मुख्य सचिव इसे उपराज्यपाल अनिल बैजल को सौंपेंगे।
इस सूची में आइएएस और दानिक्स अधिकारी शामिल नहीं हैं। इनकी सूची केंद्र सरकार स्तर पर बन रही है। दिल्ली सरकार में करीब 80 हजार अधिकारी पर कर्मचारी कार्यरत हैं। प्रति माह करीब 900 करोड़ की राशि इनके वेतन पर खर्च की जाती है। इसमें से कितने लोग 50 साल से ऊपर हैं और कितनों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। मगर भ्रष्टाचार व नाकारा अधिकारियों को जबरन घर भेजने के फैसले के बाद से सरकार के सभी विभागों में गहमा-गहमी है।
हर विभाग में इस बात की ही चर्चा हो रही है कि किसका किसका नंबर आता है। इसके लिए विभाग प्रमुख स्तर पर भी कमेटियां बनाई गई हैं। ये कमेटियां अपने-अपने विभाग की रिपोर्ट तैयार कर रही हैं। कमेटियां उन अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची तैयार कर रही हैं, जिनके खिलाफ पहले से ही विजिलेंस, दिल्ली पुलिस या अन्य विभाग में मुकदमे दर्ज हैं।

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